फरीदाबाद: केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा है कि राहुल गांधी की सदस्यता कानूनी प्रक्रिया के तहत समाप्त हुई है। यह उसी समय हो गया था, जब सूरत की एक अदालत ने ओबीसी समाज का अपमान करने के एक मामले में दोषी ठहराते हुए उनको दो साल की सजा सुनाई थी, लेकिन प्रभावी होने के लिए प्रक्रिया के तहत इसको नोटिफाई करना था इसलिए कल लोकसभा सचिवालय ने वो नोटिफिकेशन भी जारी कर दी।
कृष्णलाल गुर्जर ने कहा कि रिप्रेटेशन पीपल्स एक्ट 1951 के तहत किसी भी सांसद या विधायक को दो वर्ष या उससे अधिक सजा होती है तो स्वयं उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है और वह तत्काल प्रभाव से समाप्त होती है, राहुल जी की सदस्यता समाप्त होने में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है, बल्कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने में कांग्रेस की बड़ी भूमिका है, उनके अपने प्रवक्ता पवन खेड़ा की सजा हुई तो कांग्रेस के बड़े से बड़े वकील न्यायालय पहुंचे, लेकिन राहुल गांधी को सजा होने के बाद चौबीस घण्टे बीतने के बावजूद भी उन्होंने न्यायालय जाने की जरूरत नहीं समझी। इससे साबित होता है कि कांग्रेस में कोई खेमा ऐसा है, जो राहुल जी से मुक्ति चाहता है। वे शनिवार को सेक्टर-28 स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव जब 2019 में बंगलौर के नजदीक कौलार की एक सभा में राहुल गांधी ओबीसी व तेली समाज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर ओबीसी समाज अदालत में गया था, इन चार सालों में अनेकों ऐसे मौके आए, जब वो अपनी गलती मानकर इस मामले को पटाक्षेप कर सकते थे, लेकिन उन्हें अहंकार था कि वह राजा है इसलिए उन्होंने माफी नहीं मांगी। कोर्ट ने बार-बार उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने अहंकार वशीभूत सभी को अनसुना कर दिया।
उन्होंने कहा कि जयललिता, आजम खान की जब सदस्यता खत्म हुई, तब भी इन्हें अपना दोष नजर नहीं आया, बल्कि सारा षडयंत्र सरकार पर डाल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी व राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पियां की है, उन्हें अपमान किया, अब जब उन पर कानून के तहत कार्यवाही हुई है तो वह भाजपा पर इसका ठीकरा फोड़ रहे है, जो कि गलत है।
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