Tuesday, December 17, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeपंजाबपंजाबः विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लाखों पंजाबियों की याद में...

पंजाबः विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लाखों पंजाबियों की याद में हुआ विशेष अरदास समागम

अमृतसरः देश के 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लाखों पंजाबियों को मंगलवार को अकाल तख्त में याद किया गया। इस संबंध में अकाल तख्त में एक विशेष अरदास समागम (प्रार्थना मण्डली) का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इससे पहले अखंड पाठ साहिब का भोग लगाया गया और सचखंड श्री हरमंदर साहिब के हजूरी रागी जत्थों ने गुरबानी कीर्तन किया।

ये भी पढ़ें..AIFF: फीफा के निलंबन पर एक्शन में केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अरदास समागम के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान की सरकारों को देश के विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले और विस्थापन का दर्द सहने वाले लाखों लोगों के लिए अपनी-अपनी संसद में शोक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए, दोनों देशों की सरकारों को स्वेच्छा से शोक प्रस्ताव पारित कर विस्थापन का दर्द सहने वाले लोगों को याद करना चाहिए था, लेकिन सरकारों ने इसे महत्वपूर्ण नहीं माना।

जत्थेदार ने कहा कि 1947 से पहले जन्म लेने वालों को बड़े दिल से खुला वीजा दिया जाना चाहिए, ताकि वे आसानी से अपने जन्मस्थान, पुश्तैनी स्थानों और धार्मिक स्थलों पर जा सकें। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, पंजाब को 1947 में देश के विभाजन में सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा और उसके बाद बंगालियों को यह सहना पड़ा। दो राज्यों पंजाब और बंगाल के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे अधिक संघर्ष किया, जिन्हें तब उनके राज्यों को भयानक रूप से विभाजित करके दंडित किया गया था। पंजाब और बंगाल दोनों का बंटवारा हो गया और उन्होंने उनकी संपत्ति जब्त कर ली। अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में अधिकांश बलिदान पंजाबियों, सिखों और बंगालियों के हैं।

इस बीच, जत्थेदार ने पंजाब के मौजूदा हालात पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, पंजाब का मौजूदा समय बेहद चिंताजनक है। नशीले पदार्थों की लत और प्रकृति के प्रति लापरवाही के कारण पारिस्थितिक संकट जैसी अमानवीय घटनाएं पंजाब को विनाश के कगार पर ले जा रही हैं। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, दरबार साहिब के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह आदि उपस्थित थे।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें