चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को पंजाब में अवैध खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम मामले में उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को जालंधर अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले दो मौकों पर अदालत ने ईडी को हनी की कस्टडी दी थी। ईडी एक बार फिर हिरासत की मांग कर सकती है। ईडी सूत्र कि माने इस बार आधार बनाया गया है- हनी की डिजिटल डायरी का। ईडी की तरफ से दावा किया गया है कि इस डिजिटल डायरी में 18 लाख पेज हैं। अभी तक 20 हजार पेजों का ही विश्लेषण हो पाया है। बाकी का विश्लेषण अभी चल रहा है। इसके लिए वक्त चाहिए। जालधंर की कोर्ट में इसी को आधार बनाकर हनी का रिमांड मांगी जाएगी। बता दें कि ईडी ने हनी को 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया था। इन आठ दिनों की पूछताछ के दौरान ईडी ने विभिन्न दस्तावेजों के साथ उनके बयान दर्ज किए।
ये भी पढ़ें..Hijab विवाद: कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, आदेश को बताया मुस्लिम लड़कियों से भेदभाव
छापेमारी में ईडी ने बरामद किए थे करोड़ो रुपये
वहीं सूत्र ने कहा कि हनी टाल-मटोल कर रहा था और जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा था। हनी के वकील हरनीत सिंह ओबेरॉय को वैकल्पिक दिनों में उनसे मिलने की अनुमति दी गई। बताया जा रहा है कि कुछ दस्तावेज मिले जिनमें लिखा था कि हनी कथित तौर पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के एवज में अधिकारियों से पैसे लेता था। ईडी के दस्तावेजों के अनुसार, “इसके अलावा, भूपिंदर सिंह ने तलाशी के दौरान अपने बयान में, अन्य बातों के साथ, स्पष्ट रूप से कहा है कि लुधियाना में उनके आवासीय परिसर (4.09 करोड़ रुपये), संदीप कुमार के लुधियाना स्थित परिसर (1.99 करोड़ रुपये), मोहाली में उसके घर से 3.89 करोड़ रुपये बरामद किए गए, जो वास्तिवक रूप से उसके थे। उसने खनन से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से अपराध की ऐसी आय अर्जित करने की बात स्वीकार की, जिसमें खनन फाइलों की मंजूरी और अधिकारियों का स्थानांतरण शामिल है।”
सीएम चन्नी के नाम पर गड़बड़ी कर रहा था हनी
सूत्रों ने दावा किया है कि हनी चन्नी के करीबी थे, इसलिए वह भारी मुनाफा कमाने के लिए राजनीतिक कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे। ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक, हनी ने कबूल किया है कि उसके दस करोड़ रुपये थे जो ईडी ने छापेमारी के दौरान बरामद किए थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि उसे अवैध खनन से भी पैसा मिल रहा था। 18 जनवरी को ईडी ने होमलैंड हाइट्स सहित दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की, जो हनी का आवास है। ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का बयान दर्ज किया था।
ईडी के अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक के सोने और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए है। एक सूत्र ने कहा कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से पुष्टि होती है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे थे और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक थे। सूत्रों के मुताबिक, ये कंपनियां मूल रूप से मुखौटा कंपनियां हैं, लेकिन ईडी को बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता चला है। फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था।
हनी की डिजिटल डायरी खोलेगी बड़े राज
ईडी के सीनियर अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि भूपिंदर सिंह उर्फ हनी सिंह का माइनिंग माफिया के साथ लेन-देन हुआ है। हनी से बरामद मोबाइल फोन समेत डिजिटल डिवाइस से 18 लाख पेज की सामग्री मिली है। इसके विवरण को पढ़ना जरूरी है। क्योंकि इसके बाद ही पता चल पाएगा कि हनी सिंह किसके साथ कैसे कैसे, क्या-क्या डील करता रहा है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)