चंडीगढ़: पंजाब (Panjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की। इस बीच मुख्यमंत्री मान ने एसएएस नगर (मोहाली) को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल करने को कहा है।
विकास को बढ़ावा देने की जरूरत
मुख्यमंत्री मान ने हरदीप पुरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और मोहाली को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि मोहाली शहर का विशेष महत्व है क्योंकि यह चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला के ट्राइसिटी का हिस्सा है। मान ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार के अधिकांश विभागों के मुख्य कार्यालय भी इसी शहर में हैं, जिससे इसके विकास को और बढ़ावा देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर का चहुंमुखी और सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए शहर को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि मोहाली और इसके आसपास की नगरपालिका समितियों जैसे जीरकपुर, खरार, डेराबस्सी और कुराली ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, शैक्षणिक संस्थानों, टाउनशिप और उद्योगों की स्थापना के रूप में बड़े पैमाने पर विकास देखा है। भगवंत मान ने कहा कि इस क्षेत्र को नियोजित और आधारभूत संरचना के विकास के लिए विशेष धन की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने उठाए कई मुद्दे
मुख्यमंत्री ने एक अन्य मुद्दा उठाते हुए अमृत 2.0 के तहत पहले के अमृत 1 के समान अनुपात को बहाल करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अमृत 1.0 के तहत एक लाख की आबादी वाले शहरों के लिए केंद्र और राज्य का हिस्सा 50:50 था। अमृत 2.0 के तहत आबादी की एक ही श्रेणी के शहरों के लिए केंद्र और राज्य का हिस्सा बदल गया है। टैक्स घटाकर 33:67 कर दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि लुधियाना और अमृतसर जैसे 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए यह अनुपात 33:67 (केंद्र और राज्य का हिस्सा) था और अमृत 2.0 के तहत यह अनुपात अब 75:25 है। भगवंत मान ने कहा कि इन शहरों का तेजी से विस्तार हो रहा है, इसलिए इनके बुनियादी ढांचे के विकास की लगातार जरूरत है, जिसके लिए पुराने अनुपात को बहाल किया जाना चाहिए।
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