कोरोना के दौर को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री, बोले- अफवाहों पर न दें ध्यान

0
41

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सुबह देशव्यापी कोरोना टीकाकरण की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कोरोना वॉरियर को याद किया जिन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवा दी। वे कोरोना की लड़ाई यात्रा को याद कर भावुक भी हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका है।

उन्होंने कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा।

यह भी पढ़ेंः-बांग्लादेशी शरणार्थियों को लुभानें में जुटी भाजपा, दो दिवसीय दौर पर अमित शाह

दवाई भी कड़ाई भी

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को किसी भी तरह की असावधानी नहीं बरतनी है। मास्क लगाना, दो गज की दूरी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। उन्होंने लोगों को नया मंत्र देते हुए कहा कि लोगों को अब और कड़ाई और सावधानी बरतनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों को किसी भी तरह के अफवाहों से बच कर रहना है। भारत के वैक्सीन की दुनिया में बहुत विश्वनीयता है। हमने विश्वास ट्रैक रिकार्ड से हासिल किया है। दुनिया भर के 60 प्रतिशत बच्चों को टीके लगते हैं वो भारत में बनते हैं। भारत के वैज्ञानिकों को और वैक्सीन से जुड़े हमारी विश्वनीयता को मेड इन इंडिया का बल दिया है।