कोलकाताः पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल और विपक्षी भाजपा राज्य की 60-65 विधनासभा सीटों पर राजनीतिक दबदबा रखने वाले बांग्लादेशी शरणार्थी मतुआ समुदाय को लुभाने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 30 जनवरी को प्रस्तावित बंगाल दौरे के दौरान मतुआ बहुल ठाकुरनगर का दौरा करेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान वे स्थायी नागरिकता देने की घोषणा कर सकते हैं। उससे पहले तृणमूल ने मतुआ समुदाय के प्रमुख लोगों से बात करने के लिये नेताओं की विशेष टीम गठित की है
आगामी 30 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नदिया के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय के बहुलता वाले क्षेत्रों में सभा करेंगे। उसके पहले यहां के लोगों को एक बार फिर अपने पाले में करने के लिए तृणमूल ने वार्ता हेतु एक विशेष समिति का गठन किया है। इसमें पार्टी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय के साथ राज्य के मंत्री ब्रात्य बसु व उत्तर 24 परगना के जिला तृणमूल अध्यक्ष व राज्य के खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक शामिल हैं। ये तीनों नेता मतुआ बहुल क्षेत्रों में घूमेंगे व लोगों से बात करेंगे।
इस संबंध में, मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि एक टीम बनाई गई है। हम चार विधानसभा क्षेत्रों के मतुओं के साथ बैठक करेंगे। उनके साथ हमारा रिश्ता बहुत पुराना है। हम समुदाय के नेताओं और सदस्यों से बात करेंगे।
मल्लिक ने कहा कि मतुओं की कुछ मांगें हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन मांगों में से कुछ पहले ही पूरा कर चुकी हैं। हमारी भी इस समुदाय से कुछ अपील है। हालांकि, इसे सिर्फ एक बैठक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि अमित शाह आ रहे हैं। मतुआ के साथ हमारे बीच लंबे समय से संबंध हैं और हम बस उस रिश्ते को फिर से सक्रिय करने के लिए वहां जा रहे हैं।
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हालांकि, इलाके में अमित शाह की यह पहली यात्रा नहीं है। पिछले साल 8 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री ने उत्तर 24 परगना में एक मतुआ परिवार में दोपहर का भोजन किया था।