वाशिंगटनः पिछले दस साल से अमेरिका के लिए प्रमुख गैर- नाटो सहयोगी रहा अफगानिस्तान अब यह दर्जा खो चुका है। बदली परिस्थितियों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान का प्रमुख गैर- नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने की घोषणा की है। अफगानिस्तान में तालिबान शासन के खात्मे के बाद जब यह देश पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रहा था, तब जुलाई 2012 में अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर- नाटो सहयोगी देश के रूप में नामित किया था। बदली परिस्थितियों में अमेरिका न न सिर्फ अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला किया, बल्कि अफगानिस्तान की सत्ता भी तालिबान के हाथों में पहुंच गयी।
अमेरिका ने पिछले साल अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाने की घोषणा कर दी थी। इसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमले शुरू कर दिए। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान में घुस गए और सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्ण जीत की घोषणा कर दी। इसके बाद एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। हालांकि, अभी तक किसी भी देश द्वारा आधिकारिक रूप से इस सरकार को मान्यता नहीं मिली है। अब अमेरिका ने भी अफगानिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का एलान कर दिया है।
ये भी पढ़ें..SBI बैंककर्मी बनकर ठगी करने वालों का भंड़ाफोड़, तीन गिरफ्तार
इस बाबत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा जारी आदेश में उन्होंने 1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले पर अफगानिस्तान ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी है। अफगानिस्तान की ओर से कहा गया है कि हम अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्ज रद्द किये जाने से चिंतित नहीं हैं। यह दर्जा मिलने से कभी अफगानिस्तान को कोई लाभ नहीं मिला और न ही अब यह दर्जा रद्द किये जाने से कोई नुकसान होगा।
अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…