लखनऊः मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिम्पल यादव ऐतिहासिक जीत के करीब पहुंचने वाली है। इस बीच डिम्पल यादव की जीत की खुशा से गदगद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाज पार्टी का सपा में विलय कर दिया है।
चाचा-भतीजे के एक साथ आने से भारतीय जनता पार्टी की यूपी में मुसीबतें बढ़ना लगभग तय है। इससे पूर्व मैनपुरी उपचुनाव परिणाम में डिम्पल यादव की बढ़त के बाद अखिलेश यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की समाधि स्थल पहुंचे और पिता को नमन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद अखिलेश शिवपाल सिंह यादव के पास पहुंचे और पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
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इसके बाद दोनों ने मिलकर एक साथ होने का ऐलान किया और प्रसपा का सपा में विलय कर दिया। इस अवसर पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नेताजी का जलवा कायम है और हमेशा कायम रहेगा। मैनपुरी में डिम्पल की जीत पर शिवपाल ने कहा कि जनता ने नेताजी के नाम पर और उनके कराए गए काम पर वोट देकर हमें जीत दिलाई है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी कुनबे में उस वक्त खटास शुरू हुई जब अखिलेश यादव वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री बने। धीरे-धीरे उनकी सपा पर भी पकड़ बढ़ती गयी। दूसरी तरफ अखिलेश और शिवपाल में दूरी बढ़ती गयी। परिवार का झगड़ा 2016 में सार्वजनिक हो गया। दूरी इतनी बढ़ी कि शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया। तमाम खींचतान के बाद शिवपाल का 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा से किसी प्रकार गठबंधन हुआ। सपा मुखिया अखिलेश यादव को लगता था कि उनकी सरकार बन रही है, लेकिन भाजपा ने दोबारा सत्ता में आकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस बीच अक्टूबर में पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। उनके निधन से रिक्त मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई। इसके अलावा रामपुर और खतौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव का ऐलान हुआ।
अखिलेश यादव मौके की नजाकत को समझते हुए चाचा शिवपाल को मनाने उनके घर पहुंच गए। वह साथ आ गए। उपचुनाव में पूरी पार्टी सिद्दत से जुटी। रामपुर और खतौली विधानसभा के साथ ही गुरुवार सुबह मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई। शुरुआत से मैनपुरी से सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव को बढ़त मिलने लगी। इधर चाचा-भतीजे के बीच की दूरियां घटती गयीं। दोपहर में ही सपा मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रसपा (लोहिया) का सपा में विलय कर दिया। इस मौके पर शिवपाल ने कहा कि अब उनकी गाड़ी पर सपा का झंडा लगा रहेगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश को यह समझ में आ गया कि जनता पर शिवपाल की पकड़ आज भी मजबूत है। उनके साथ आने से पार्टी मजबूत होगी। इसी का परिणाम है कि आज चाचा-भतीजा एक हो गए हैं।
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