अगरतला: टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारतीय महिला जिमनास्ट प्रणति नायक की बड़े टूर्नामेंटों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता अलग है। यह कहना है रियो ओलंपिक में भाग ले चुकी जिमनास्ट दीपा कर्माकर का। दीपा ने ओलंपिक डॉट कॉम से कहा कि हर कोई कड़ी मेहनत करता है। लेकिन प्रणति की प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता अलग है। यहां तक कि अगर वो प्रशिक्षण में ब्रेक लेती थीं, तो कुछ ही समय में हमारे साथ तेज हो जाती थी। वो प्रतियोगिताओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है।
उन्होंने कहा कि मैं प्रणति को 2010 से जानती हूं। मैं उससे कोलकाता कैंप के दौरान मिली थी। 2014 से हम में से चार-प्रणति नायक, प्रणति दास, अरुणा रेड्डी और मैं एक साथ राष्ट्रीय शिविर में हैं। हम (बिश्वेश्वर) नंदी सर के साथ ट्रेनिंग कर रहे थे। हम न केवल बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए थे, बल्कि एक-दूसरे को आगे बढ़ा रहे थे। हमारे अंदर कुछ करने की भूख थी। पिछले कुछ वर्षों में हम चारों नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। कोई भी जूनियर हमें अभी तक बाहर नहीं कर पाया है।
दीपा ने कहा कि ओलंपिक में स्थान पाने से चूकने पर मैं काफी दुखी हूं। बेशक मुझे ज्यादा खुशी होती, अगर मैं भी टोक्यो ओलंपिक में जा रही होती। लेकिन, मैं प्रणति के लिए बहुत खुश हूं और एक सीनियर होने के नाते उस पर बहुत गर्व है।
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प्रणति ने 2019 में एशियाई कलात्मक जिमनास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था और महाद्वीपीय कोटा हासिल करने के लिए पात्र हो गई थी। क्योंकि, 9वीं सीनियर एशियाई चैंपियनशिप कोविड-19 के कारण रद्द कर दी गई थी।