संपादकीय

जन-जन के राम

जन-जन के सहयोग से अयोध्या धाम राम मंदिर में श्रीरामलला विराजमान होने जा रहे हैं। लोगों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में दी गई राशि के मूल्य से ज्यादा उस भाव की अहमियत है, जिसने वर्षों पुराने सनातनधर्मियों के स्वप्न को साकार करने में सकारात्मक भूमिका निभाई है। राम मंदिर निर्माण के लिए जन सहयोग के रूप में एकत्र की गई राशि के लिए कोई न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। ऐसे में महज एक सिक्के से लेकर प्रति व्यक्ति जो भी राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई, उसे सहर्ष रूप से सनातन संस्कृति और सभ्यता के स्वरूप में स्वीकार किया गया। एक आंकड़े के मुताबिक रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए 900 करोड़ रुपए जुटाने का प्राथमिक लक्ष्य रखा गया था, लेकिन राम भक्तों के भाव और प्रभु श्रीराम के प्रति उनकी आस्था के चलते ट्रस्ट को करीब 5,000 करोड़ रुपए समर्पण निधि के रूप में प्राप्त हुए। ऐस में अयोध्या धाम स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आने के साथ ही ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण के लिए जन-जन के सहयोग का आभार व्यक्त किया है। बता दें कि, इस दौरान 20 लाख स्वयंसेवकों ने भारत के इतिहास के सबसे बड़े धन संचय अभियान में 12.7 करोड़ परिवारों से योगदान एकत्र किया। इस दौरान भिखारियों, दिहाड़ी मजदूरों, किन्नर समाज के लोगों और बुजुर्गों सहित समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने राम मंदिर निर्माण में अपना सहयोग दिया है। इसी के साथ ही विभिन्न धर्म के लोगों ने भी प्रभु श्रीराम के प्रति अपनी आस्था को उजागर किया है। विभिन्न धर्म व वर्ग के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान कई लोगों ने योगदान देने के लिए अपनी क्षमता से आगे बढ़ते हुए कहा कि यह एक सपने के सच होने जैसा है, क्योंकि 500 वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या धाम में रामजन्मभूमि पर राम मंदिर बन रहा है। विहिप पदाधिकारियों का कहना था कि लोगों तक हमारे महज पहुंचने भर की देर थी, क्योंकि वह मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए हर समय तैयार थे। प्रभु श्रीराम हमेशा से समाज और लोगों को एकजुट करने वाला कारक रहे हैं और इसी की बदौलत सिर्फ हिंदू समुदाय के लोगों ने ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए धनराशि में योगदान दिया। देशभर से क्षेत्रवार व खण्डवार अपेक्षा से ज्यादा राशियां दी गईं। ऐसे में प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के रहने वाले सियाराम गुप्ता राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ की धनराशि देना चाहते थे, जिसके चलते उन्होंने अपनी 16 बीघे जमीन बेच दी, लेकिन फिर भी वह एक करोड़ रुपये की राशि एकत्र नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों से 15 लाख रुपये उधार लेकर एक भक्त के तौर अपनी इच्छा पूर्ण की। prana-pratistha-will-done-with-cooperation बता दें कि, सियाराम गुप्ता को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, अयोध्या धाम के कारसेवकपुरम में 1,000 लोगों के लिए रैनबसेरा का निर्माण किया गया है तथा इसके अलावा अन्य 850 लोगों के रुकने के लिए टिन के कंपार्टमेंट की व्यवस्था की गई है। चंपत राय के मुताबिक मणि पर्वत के निकट 'टिन सिटी' बनाई गई है, जहां 3,500 से अधिक संतो के ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही चंपत राय ने जन सहयोग को लेकर कहा कि हमने इसके लिए धन संग्रह कहीं नहीं लिखा है, हमने इसे ‘समर्पण निधि’ कहा है। बता दें कि, इस समर्पण निधि के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपए की नगद राशि सहित करीब 04 कुंतल चांदी और कुछ सौ ग्राम सोना राम भक्तों ने प्रभु श्रीराम को समर्पित किया है। इस दौरान सोने-चांदी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में सुरक्षित रख दिया गया है। साथ ही स्टेट बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में समर्पण निधि की राशि जमा की गई है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 4,000 संतो को निमंत्रित किया गया है, जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज (हरिद्वार), समाज के संत ज्ञान देव जी, बाबा रामदेव, केरल की आनंदमयी मां, दलाई लामा, रामभद्राचार्य जी महाराज, रामानुजाचार्य भास्कर आदि को आमंत्रित किया गया है। अयोध्या धाम में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजित अक्षत कलश निमंत्रण अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत प्रभु श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले रामभक्तों को अयोध्या धाम आने के लिए आमंत्रित करने के लिए पूजित अक्षत कलश के साथ आमंत्रण भेजा गया। ये पूजित अक्षत कलश भारत के अलग-अलग जगहों में पांच लाख गांवों और मंदिरों में भेजे गए।

प्राण प्रतिष्ठा के दिन राममय होगी दुनिया

अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आते ही भक्तों का उत्साह बढ़ गया है। इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे 22 जनवरी को अयोध्या धाम जाने से बचें और इसके बजाय घर पर दीप जलाकर दीपावली मनाएं। विहिप और आरएसएस ने लोगों से 22 जनवरी के दिन अपने नजदीकी मंदिरों में जाकर प्रार्थना करने की बात कही है तथा साथ ही उन्होंने देशभर में विशाल स्क्रीन पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सजीव प्रसारण करने की विस्तृत योजना बनाई है। यह भी पढ़ेंः-पांच सदी का रक्तरंजित संघर्ष, अब विराजेंगे रामलला ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा, तो हम सभी अपने आस-पास के मंदिरों में जाएं और प्रार्थना करें। उसके बाद, हम एक जगह इकट्ठा होंगे और एक विशाल स्क्रीन पर समारोह को लाइव देखेंगे। इसके पश्चात सभी अपने घरों में दीप प्रज्ज्वलित कर दीपावली के रूप में ‘आनंद महोत्सव’ का पर्व उल्लास पूर्वक मनाएंगे। अयोध्या धाम का यह भव्य मंदिर, उन करोड़ों राम भक्तों का मंदिर है, जिन्होंने इस स्वर्णिम पल की अनुभूति के लिए अपना सर्वत्र न्यौछावर कर दिया है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)