UP: जिले में एक अजीब मामला सामने आया है जहां कदौरा थाना पुलिस ने वन विभाग के कर्मियों को तस्कर समझकर पकड़ लिया। यहां एक गांव में अजगर दिखाई देने की ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम सरकारी वाहन की बजाय निजी स्कॉर्पियो से गांव पहुंची और अजगर को पकड़ लिया। वन कर्मियों ने अजगर को रेस्क्यू किया और जंगल में छोड़ने चले गए।
शक होने पर दी थी पुलिस को सूचना
लेकिन रात में वहां से गुजर रहे राहगीरों ने जब निजी वाहन में कुछ लोगों को हाथ में बोरी लेकर जाते देखा तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने टीम के सदस्यों को तस्कर समझकर पकड़ लिया। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वन कर्मियों की टीम को छोड़ दिया गया। कदौरा थाना क्षेत्र के गांव नाजिरपुर के पास किसानों ने सड़क किनारे अजगर देखा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी संजय माथुर को दी।
प्राइवेट गाड़ी होने पर हुआ संदेह
उन्होंने टीम भेजी, लेकिन मौके पर सरकारी वाहन न होने के कारण उन्होंने टीम को अपने निजी वाहन (स्कॉर्पियो) से भेज दिया। वन विभाग की टीम में शामिल वन दरोगा सत्येंद्र सचान व उनके दो साथियों अमरेंद्र सिंह व महबूब अली ने अजगर को पकड़ लिया। उसे बोरे में बंद कर लोदीपुर के जंगल में छोड़ने चले गए। रात होने के कारण ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि कुछ संदिग्ध लोग हाथ में बोरा लेकर आ रहे हैं। थाना प्रभारी उन लोगों की तलाश में जंगल में पहुंचे और वन कर्मियों की टीम को पकड़ लिया।
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टीम ने थाना प्रभारी को पूरी घटना की जानकारी दी। क्षेत्रीय वन अधिकारी संजय माथुर ने बताया कि गलतफहमी व गलत सूचना के कारण पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। टीम ने अजगर को जंगल में छोड़ दिया है और बाद में सूचना मिलने पर पुलिस भी वन कर्मियों की टीम को छोड़कर चली गई।
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