वाराणसीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के प्रचार के अंतिम दिन शनिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री ने लोगों को संदेश दिया कि डबल इंजन सरकार का डबल बेनिफिट है, जिसका लाभ उत्तर प्रदेश का हर नागरिक उठा रहा है। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक पूरी दुनिया के लिए नई चुनौतियां, अभूतपूर्व संकट लेकर आया है, लेकिन भारत ने तय किया है कि इस अभूतपूर्व संकट और चुनौतियों को हम अवसर में बदलेंगे। ये संकल्प सिर्फ मेरा नहीं है, ये हिंदुस्तान के 130 करोड़ नागरिकों का है, आप सभी का है।
प्रधानमंत्री ने मिर्जामुराद क्षेत्र के खजुरी में भाजपा की चुनावी जनसभा में सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग, उत्तर प्रदेश को गुंडागर्दी, मनचले, माफिया, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अवैध कब्जे देने वाले घोर परिवारवादियों को पूरी तरह नकार चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने दशकों से शायद ऐसा चुनाव नहीं देखा होगा। घोर परिवारवादी वोकल फॉर लोकल से भी चिढ़ते हैं। पूरी दुनिया में आज योग की, आयुर्वेद की धूम मची है, लेकिन ये घोर परिवारवादी योग का नाम लेने से भी बचते हैं। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो खादी एक जमाने में कांग्रेस की पहचान होती थी, वो उसी खादी को भूल गयी। हमारे ये जो विरोधी लोग हैं उनसे कभी आपने एक बार भी सुना कि अपने देश में बनी हुई चीजें खरीदो, अपने देश में बनी हुई चीजों का उपयोग करो, देश में बनी चीजों को बढ़ावा दो?
ये भी पढ़ें..एनसीबी को मिली बड़ी कामयाबी, 48 लाख रुपए के गांजे के…
जनसभा में प्रधानमंत्री ने योगी सरकार के ईमानदार छवि की सराहना कर कहा कि ऐसा चुनाव जब सरकार अपने काम पर, अपनी ईमानदार छवि पर, भेदभाव और पक्षपात रहित विकास पर और सुधरी हुई कानून व्यवस्था के दम पर जनता-जनार्दन का आशीर्वाद मांग रही है। सपा पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि बनारस में सब गुरु, केहू नाही चेला। यहां झूठ की खेती नहीं हो सकती। मोदी की इस बात पर लोगों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ जमकर तालियां बजाईं। प्रधानमंत्री ने लोगों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हमारे गांवों की एक शक्ति ये भी है कि जब संकट आता है तब हर काई गिले-शिकवे भुलाकर एकजुट हो जाता है। देश के सामने आई चुनौती पर भी घोर परिवारवादी इसमें भी राजनीतिक हित ढूंढते रहते हैं। ये हमने कोरोना संकट के दौरान भी देखा और आज यूक्रेन संकट के दौरान भी हम ये ही अनुभव कर रहे हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)