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PM मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य गतिविधि पर जताई चिंता, बोले-यह युद्ध का समय नहीं..

pm-narendra-modi-us-visit PM Modi US Visit: वाशिंगटनः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन (China) की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बीजिंग पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में चीन के कारण दबाव और टकराव के काले बादल मंडरा रहे हैं। क्षेत्र की स्थिरता हमारी साझेदारी की प्रमुख चिंताओं में से एक है। अमेरिका की राजकीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi US Visit) ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। भारत और अमेरिका सुरक्षित समुद्र से जुड़े स्वतंत्र, स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत का दृष्टिकोण साझा करते हैं। जैसा कि अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा परिभाषित है। जहां किसी का वर्चस्व नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देश ऐसे क्षेत्र की कल्पना करते हैं जहां सभी छोटे-बड़े देश स्वतंत्र और निडर होकर अपने फैसले ले सकें। जहां प्रगति कर्ज के असंभव बोझ तले दबी न हो। जहां रणनीतिक उद्देश्यों के लिए कनेक्टिविटी सुविधाओं का लाभ नहीं उठाया जाना है। जहां सभी देश मिलकर समृद्धि हासिल कर सकें। ये भी पढ़ें..Assam Flood: असम में बाढ़ की स्थिति हुई भयावह, 20 जिलों... प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सोच किसी को रोकने या अलग रखने पर आधारित नहीं है। बल्कि, यह शांति और समृद्धि का एक सहकारी क्षेत्र बनाने के बारे में है। हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर और बाहर के अपने भागीदारों के साथ काम करते हैं। इनमें से क्वाड (क्वाटरनरी सिक्योरिटी डायलॉग) क्षेत्र की बेहतरी के लिए एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में सभी देशों से नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने का आह्वान किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ यूरोप में युद्ध की वापसी पर भी चिंता जताई। उन्होंने दोहराया- यह युद्ध का समय नहीं है। यह संवाद और कूटनीति का युग है। हम सभी को रक्तपात और मानव की पीड़ा को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)