नवरात्रि के तीसरे दिन मां विंध्यवासिनी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, लगे जयकारे

0
41

मीरजापुर: शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) के दर्शन-पूजन के लिए विंध्याचल धाम पहुंचे। श्रद्धालुओं ने विंध्यवासिनी के चंद्रघंटा स्वरूप की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।

गंगा घाटों पर स्नान के बाद श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए कतार में लगे रहे। उन्होंने भक्ति भाव से मां विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) की स्तुति करते हुए सिर झुकाया। मां विंध्यवासिनी के जयकारों से विध्यधाम गूंज उठा। तीसरे दिन आदि शक्ति मां विध्यवासिनी देवी (Maa Vindhyavasini) का गुड़हल, कमल व गुलाब के पुष्पों से शृंगार व पूजन किया गया।

maa-vindhyavasini-mandir-vindhyachal

सुबह मंगला आरती के बाद दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हुआ। घंटा, घड़ियाल, शंख, नगाड़े और शहनाई की आवाज से पूरा धाम गूंज उठा। विंध्याचल धाम देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं से भरा रहा। पूरे नवरात्र में पाठ करने वाले श्रद्धालु मंदिर की छत पर विधि-विधान से शक्ति पाठ कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर नवरात्र के दौरान श्रद्धालु विद्याधाम में अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करा रहे हैं।

ये भी पढ़ें..भगवती जगदम्बिका एवं शारदीय नवरात्र पूजा की महिमा

त्रिकोण परिक्रमा कर श्रद्धालु पुण्य के भागी बने

मां विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) का दर्शन-पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने त्रिकोण परिक्रमा कर पुण्य के भागी बने। कालीखोह स्थित महाकाली के भव्य स्वरूप का दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो गए। पहाड़ पर विराजमान मां अष्टभुजी देवी के दरबार में दर्शन-पूजन का क्रम लगातार चलता रहा। मंदिर के बाहर कतार में खड़े भक्त देवी मां के जयकारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे।

पहाड़ पर घर बनाया, मन्नतें मांगीं

नवरात्रि के दौरान मां विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini), मां काली और मां अष्टभुजा के दर्शन के बाद त्रिकोण यात्रा करने की परंपरा है। त्रिकोण यात्रा के दौरान कालीखोह से अष्टभुजा तक रास्ते में श्रद्धालु पत्थरों से घर बनाते हैं। मान्यता है कि त्रिकोण के दौरान पत्थरों से घर बनाने वाले लोगों की अपना घर बनाने की इच्छा मां विंध्यवासिनी अवश्य पूरी करती हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)