आसनसोल : कंबल कांड में भारतीय जनता पार्टी के नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी से शहर में तनाव बढ़ गया है। शनिवार रात पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार करने के बाद उत्तर थाने की पुलिस उन्हें थाने ले आई और रविवार सुबह उन्हें आसनसोल की विशेष अदालत में पेश किया गया।
अदालत में पेश होने से पहले पुलिस से घिरे जितेंद्र तिवारी ने कहा कि अंतिम फैसला तृणमूल सरकार या पुलिस नहीं बल्कि आसनसोल की जनता करेगी। इस दौरान उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए भी अपनी बात रखी. जितेंद्र तिवारी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा और कहा कि मामले की सुनवाई कल यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होनी है, इसलिए मुझे दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया जाए. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर जरूरत पड़ने पर उन्हें 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दें। जज ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पुलिस ने तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 34 (संयुक्त रूप से घटना को अंजाम देना) के तहत मामला दर्ज किया है। उधर, भाजपा नेता की गिरफ्तारी को लेकर अग्निमित्रा पॉल ने थाने का घेराव करने का आह्वान किया है। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने कहा कि भाजपा नेता की गिरफ्तारी कानूनी थी।
यह भी पढ़ें-उत्तराखंड-हिमाचल बाॅर्डर पर कार अनियंत्रित होकर नदी में गिरी, चार लोगों की मौत
गौरतलब है कि पिछले साल 14 दिसंबर को आसनसोल के 27 नंबर वार्ड के पार्षद जितेंद्र तिवारी की पत्नी चैताली तिवारी की पहल पर कंबल वितरण समारोह का आयोजन किया गया था। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी वहां मौजूद थे। उनके कार्यक्रम से जाने के बाद कंबल लेने के लिए मारामारी मच गई, जिसके बाद भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई।
इस घटना के कारण तिवारी दंपत्ति आलोचनाओं के घेरे में आ गया। पुलिस ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई और मामला अदालत में चला गया। इस संबंध में पुलिस जितेंद्र और उसकी पत्नी से कई बार पूछताछ कर चुकी है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)