लखनऊः राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सबसे अधिक परेशानी दवाओं की कमी के कारण झेलनी पड़ रही है। इन अस्पतालों के दवा काउंटरों में मरीजों को पर्चे पर लिखी सभी दवाएं शायद ही कभी मिल पाती हैं। अक्सर मरीजों को दवाएं न होने या कम होने का बहाना बनाकर दवाएं या तो पूरी दिनों की नहीं दी जाती या फिर बिल्कुल ही नहीं दी जाती है। इससे यह मरीज बाहर मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होते हैं।
मरीजों की इस समस्या के निदाने के लिए लोकबंधु अस्पताल में टीवी लगाया गया है। जिस पर दवाएं और उसका पूरा विवरण दिखाई देता है। इसका उद्देश्य अस्पताल में उपलब्ध दवा की सही स्थिति से मरीजों को अवगत कराना है। दरअसल, लोकबंधु अस्पताल में प्रतिदिन 1,500 से ज्यादा मरीज ओपीडी के लिए आते हैं। इन मरीजों को अक्सर दवाओं की कमी बताकर या दवा के न होने की बात कहकर पूरी दवाएं नहीं दी जाती हैं। दवा काउंटर पर दवा के विवरण के बारे में जानकारी न लिखी होने से मरीजों को बाहर निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदनी पड़ती है। सीएमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मरीजों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। इसी क्रम में दवाओं के वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए एलईडी टीवी दवा काउंटर के पास लगाया गया है।
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इस टीवी के माध्यम से दवा लेने के लिए आए मरीजों को दवा काउंटर पर मौजूद दवाओं का पूरा विवरण मिल सकेगा। इस टीवी पर दवाओं के नाम के साथ दवा की संख्या आदि की पूरी जानकारी डिस्प्ले होती रहेगी, ताकि मरीजों को पता चल सके कि कौन सी दवा कितनी मात्रा में उपलब्ध है। लोकबंधु अस्पताल में प्रदेश की सबसे पहली इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब के अक्टूबर से शुरू होने के आसार हैं। अस्पताल में पैथोलॉजी और माइक्रोबॉयोलॉजी से जुड़ी 150 तरीके की जांच 24 घंटे होगी। इससे मरीजों को जल्दी इलाज के साथ साथ राहत मिलेगी। अस्पताल में लैब की जगह चिन्हित कर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जल्द ही मशीनों की खरीदारी और टेक्नीशियन की तैनाती होगी और मरीजों को सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
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