कोलकाताः कोलकाता पुलिस ने बुधवार को फर्जी Passport racket के सिलसिले में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) के संविदा कर्मचारी दीपांकर दास को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके गैजेट से बरामद डेटाबेस से 30,000 लोगों की सूची बरामद की, जिनके लिए उसने फर्जी भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट तैयार किए थे। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई दस्तावेज अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को जारी किए गए थे।
पहचान और ठिकाने का पता लगाने में जुटी पुलिस
पुलिस को संदेह है कि इनमें से कई लोग पश्चिम बंगाल समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे हैं। पुलिस ने इन नामों के बारे में सभी स्थानीय पुलिस स्टेशनों को सूचित कर दिया है, ताकि उनकी पहचान और ठिकाने का पता लगाया जा सके। बेहाला में अपने घर से एक छोटा सा ऑफिस चलाने वाला दीपांकर दास इस रैकेट में सक्रिय था। उसने ये फर्जी दस्तावेज मुख्य रूप से एक अन्य आरोपी एस बिस्वास के निर्देश पर तैयार किए थे। जांच के दौरान अधिकारियों ने दो प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक यूरोपीय देश के वीजा के फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
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Passport racket : अब तक पांच गिरफ्तार
इस मामले में पिछले रविवार से अब तक पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों में से दो POPSK के संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें दास और दीपक मंडल शामिल हैं। जांचकर्ताओं को संदेह है कि भारतीय डाक विभाग के कुछ स्थायी कर्मचारी भी इस रैकेट में शामिल हो सकते हैं। यह रैकेट मुख्य रूप से बांग्लादेश की सीमा से लगे गांवों में चल रहा था।
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