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स्मृति ईरानी ने बिना नाम लिए सोनिया गांधी पर साधा निशाना, बोलीं- कुछ लोग बता रहे हमारा बिल

smriti-irani-sonia-gandhi नई दिल्लीः लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (smriti irani ) ने बिना नाम लिए सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिल को 'हमारा बिल' कहने वाली नेता (सोनिया गांधी) ने लोकसभा में भाषण देते हुए दो विषयों पर अपना स्पष्टीकरण दिया था कि 73वां और 74वां संविधान संशोधन किसी खास परिवार (गांधी) द्वारा नहीं किया गया था। परिवार), लेकिन नरसिम्हा द्वारा। राव सरकार, जिनके निधन के बाद उन्हें अपनी ही पार्टी के मुख्यालय में श्रद्धांजलि देने तक का मौका नहीं दिया गया और दूसरा, मनमोहन सिंह सरकार के दौरान राज्यसभा से जो बिल पास हुआ, उसमें तीसरी बार महिलाओं को आरक्षण न देने की बात कही गई। यानी यूपीए सरकार के बिल में कहा गया था कि आरक्षण सिर्फ 10 साल के लिए दिया जाएगा। ये भी पढ़ें..Women Reservation Bill पर सपा के समर्थन के बीच डिंपल का बड़ा बयान, मोदी सरकार से पूछे ये सवाल

सोनिया गांधी की मांग पर किया पलटवार

वहीं, उनकी सरकार जो बिल लेकर आई है, उसमें साफ कहा गया है कि यह बिल लागू होने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा। स्मृति ईरानी ने आरक्षण बिल को तत्काल लागू करने की सोनिया गांधी की मांग पर पलटवार करते हुए कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाना कांग्रेस की आदत रही है, जबकि बीजेपी संविधान के आधार पर चलती है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस जो बिल लेकर आई है वह कमजोर बिल है। जिस तरह से विपक्ष भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है, उससे सही तथ्य सामने आना उचित है। उन्होंने आगे व्यंग्य करते हुए कहा कि जो लोग आज इस संसद में महिलाओं के सम्मान की बात कर रहे हैं, जिस तरह से उन्होंने विधानसभा में महिलाओं के साथ व्यवहार किया, जिस तरह से उनका इतिहास है, अगर ऐसे लोग आज महिलाओं के सम्मान पर टिप्पणी नहीं करेंगे, तो यह सदन करेगा। बर्बाद हो जाओ। मान-सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इस प्रयास को देश स्वीकार कर रहा है और विपक्ष इसमें बाधक न बने तो बेहतर होगा।

महिला सशक्तिकरण मोदी सरकार का बड़ा एजेंडा

अल्पसंख्यक महिलाओं को आरक्षण देने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए स्मृति ईरानी (smriti irani ) ने कहा कि भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देना वर्जित है। महिला आरक्षण बिल का श्रेय लेने की कोशिश पर निशाना साधते हुए स्मृति ने कहा कि जनसंघ ने महिलाओं को आरक्षण देने की बात कही थी। महिला सशक्तिकरण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा एजेंडा बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जो नेता इसे 'जुमला' कहते हैं और पत्र लिखने की बात करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने महिलाओं को कैसे परेशान किया था और जब भी ऐसा ही है। व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) जब सत्ता में आते हैं तो उनके लिखे पत्रों को भी ध्यान से पढ़ा जाता है और महत्व दिया जाता है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)