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Monsoon Session: 137 दिन बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी, INDIA गठबंधन के सांसदों ने किया जोरदार स्वागत

Parliament Monsoon Session

Parliament Monsoon Session: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता आज बहाल कर दी गई। संसद सदस्यता बहाली के बाद पूरे 137 दिन राहुल गांधी सोमवार को संसद पहुंचे। जहां INDIA गठबंधन के सांसदों ने केरल के वायनाड से सांसद का जोरदार स्वागत किया । इससे पहले राहुल गांधी ने अपना ट्विटर बायो भी बदला था। इसमें उन्होंने मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लिखा है।

सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी उपनाम मानहानि मामले में राहुल गांधी की दो साल की सजा और दोषसिद्धि को रद्द कर दिया। इसके बाद सोमवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से एक अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई। उधर मणिपुर हिंसा को लेकर राज्यसभा में एक बार फिर हंगामा हुआ, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस समेत अखिल भारतीय गठबंधन से जुड़े विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे थे। उधर, बीजेपी ने राज्यसभा में राजस्थान पर चर्चा की मांग की। विपक्ष ने सदन में ‘मणिपुर मणिपुर’ के नारे लगाए और हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई सांसदों ने सभापति को मणिपुर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।

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भाजपा ने उठाया राजस्थान का मुद्दा

बीजेपी के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में कहा कि वह राजस्थान के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान को लेकर उनका पहला मुद्दा लाल डायरी है और दूसरा मुद्दा वहां हो रही बलात्कार की घटनाएं हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर सदन में तुरंत चर्चा होनी चाहिए। मणिपुर में लगातार कई दिनों से हिंसा जारी है और मणिपुर जल रहा है। इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल बोलने के लिए खड़े हुए और उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी की मांग का समर्थन किया। पीयूष गोयल ने कहा कि वह राजस्थान के हालात पर राज्यसभा में चर्चा की मांग का समर्थन करते हैं।

सोमवार को ही राज्यसभा में दिल्ली संशोधन बिल भी पेश किया जाना है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इंडिया अलायंस इस दिल्ली सेवा विधेयक को हराने के लिए अपना विरोध दर्ज कराने का हरसंभव प्रयास करेगा। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि हम दिल्ली बिल को विधायी प्रक्रिया के जरिए भी रोकेंगे और सुप्रीम कोर्ट भी न्यायिक प्रक्रिया के जरिए इस बिल को रोकने की कोशिश करेगा।

उन्होंने कहा कि यह बिल मूल रूप से दिल्ली के दो करोड़ लोगों को गुलाम बनाने का बिल है। यह हृदय दिल्ली के दो करोड़ लोगों के मतदान के अधिकार को खत्म कर देता है क्योंकि जो लोग वोट देकर सरकार को काम करने के लिए चुनते हैं उनके पास कोई शक्ति नहीं होती है और सभी शक्तियां उपराज्यपाल को सौंप दी जाती हैं। राघव का कहना है कि अगर दिल्ली में किसी के घर में बिजली या पानी नहीं है, किसी के बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं मिल रहा है, अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है, तो क्या वह व्यक्ति उपराज्यपाल या अपने विधायक के घर जाएगा , मुख्यमंत्री? पारित होगा उन्होंने कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली को आरक्षित करने का काम करता है।

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