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Pariksha Pe Charcha 2024: परीक्षा के तनाव को कैसे करें कम, PM मोदी ने छात्रों को दिए ये टिप्स

Pariksha Pe Charcha 2024: पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान में 7वीं बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बच्चों से बात कर रहे हैं। पीएम मोदी बोर्ड परीक्षा (Board Exam) 2024 से पहले देशभर के 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों के तनाव को कम करने के लिए टिप्स दे रहे हैं। इस कार्यक्रम में पीएम के साथ करीब 3000 छात्र शामिल हुए हैं। इस आयोजन में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 2 छात्र और एक शिक्षक ऑनलाइन जुड़े हैं। इसके अलावा, देश के 100 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया है। मोदी ने कहा कि मैंने अभी बच्चों की प्रदर्शनी देखी। वह इतनी अच्छी थी कि मुझे 5-6 घंटे लग जाते। पीएम ने बच्चों से यह भी कहा कि जिस जगह (भारत मंडपम-प्रगति मैदान) आप लोग बैठे हैं, वहां दुनिया के महान नेताओं ने चर्चा की है। पीएम ने कहा, अगर जीवन में चुनौतियां ना हों तो फिर जीवन बहुत ही चेतनाहीन बन जाएगा, प्रतिस्पर्धा होनी ही चाहिए।

Pariksha Pe Charcha 2024: घर में बनाए नो गैजेट जोन

पीएम ने कहा घर में नो गैजेट जोन बनाना चाहिए। मोबाइल का इस्तेमाल करें पर एक टाइम निर्धारित कर लें। नियम बनाना चाहिए कि खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर कोई गैजेट नहीं होगा। हालांकि टेक्नोलॉजी से दूर नहीं भाग सकते, लेकिन उसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। स्कीन टाइम ऐप को डाउनलोड कर इसका इस्तेमाल करें। ये भी पढ़ें..Colorful Cauliflower: सेहत के लिए बेहद लाभदायक है रंगीन फूलगोभी, पाए जाते हैं ये पोषक तत्व

निर्णायक बनने की आदत डालनी चाहिए

पीएम मोदी ने कहा- हमें निर्णायक बनने की आदत डालनी चाहिए। कंफ्यूजन नहीं होगी। अनिर्णायकता खतरनाक होती है। पीएम मोदी ने कहा स्वस्थ रहने के लिए नींद और संतुलित आहार बहुत जरूरी है। अच्छी फिटनेस के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। बिना किसी समझौते की तरह टूथब्रश की तरह व्यायाम करना चाहिए।

स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन के लिए बहुत जरूरी

मोबाइल की तरह खुद के शरीर को भी चार्ज करने की जरूरत पड़ती है। स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन के लिए बहुत जरूरी है। स्वस्थ नहीं रहेंगे तो 3 घंटे की परीक्षा कैसे देंगे। बॉडी को चार्ज करने के लिए धूप में बैठना जरूरी होता है। कम नींद स्वास्थ्य के लिए अनुचित होती है।

CCTV जैसी बेकार चीजों पर ध्यान न दें

माता-पिता को अपने बच्चों को कहना चाहिए कि ये खाकर जाना, वो खाकर जाना, ये पेन लेकर जाना, ये कपड़े पहनकर जाना, ऐसी सलाह न दें। पेरेंट्स को उसे उसका दैनिक जीवन जीने देना चाहिए। उसे अपनी मस्ती से रहना चाहिए। परीक्षा हॉल में जाएं और गहरी सांस लें। सीसीटीवी जैसी बेकार चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। अपने आप में ही खोये रहना चाहिए। परीक्षा के दौरान छात्र अपने आसपास की दुनिया से बाहर निकल जाते हैं। मां-बाप को बच्चों पर भरोसा करना चाहिए। एक दूसरे से बात करने का तरीका सुधारना चाहिए। मां-बाप और बच्चों की दूरी डिप्रेशन का कारण बनती है। सामाजिक अनुभव एजुकेशन सिस्टम पर प्रभाव डालता है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)