Sunday, December 15, 2024
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भारत के साथ फिर व्यापार बहाल करना चाहता है पाकिस्तान! कॉटन और यार्न की जरूरत ने…

मुंबईः भारत ने चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के आरंभिक छह महीने में 42 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन का निर्यात कर लिया है और 30 सितंबर तक निर्यात 60 लाख गांठ तक होने की उम्मीद की जा रही है। उधर, पाकिस्तान को भी कॉटन और यार्न की जरूरत है और वह लंबे अरसे के बाद भारत से आयात बहाल करना चाहता है।

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश और चीन भारत से कॉटन के बड़े आयातक हैं। करीब दो साल पहले तक पाकिस्तान भी भारतीय कॉटन के बड़े खरीदारों में शुमार था, लेकिन 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले लिए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपना व्यापार संबंध खत्म कर दिया था।

वैश्विक बाजार में बीते एक महीने में कॉटन के दाम में करीब 12 फीसदी की गिरावट आने के बाद भारतीय कॉटन अब दुनिया के अन्य देशों के उत्पाद से सस्ता नहीं रह गया है, फिर भी चालू सीजन में निर्यात 60 लाख गांठ तक होने की उम्मीद की जा रही है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने कहा कि वैश्विक बाजार में नरमी आने के बाद आईसीई के रेट और भारत में कॉटन के भाव में कोई अंतर नहीं रह गया है, इसलिए निर्यात मांग थोड़ी सुस्त है।

उन्होंने कहा कि चालू सीजन में 31 मार्च तक देश से कॉटन का निर्यात 42 लाख गांठ के पार चला गया है और सीजन के आखिर तक 60 लाख गांठ तक का निर्यात होने की संभावना है क्योंकि पांच लाख गांठ निर्यात के अनुबंध पहले ही हो चुके हैं।

भारत ने चालू सीजन में सबसे ज्यादा कॉटन बांग्लादेश को बेचा है। कॉटन एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश ने इस साल अब तक 16 लाख गांठ कॉटन भारत से खरीदा है। वहीं, चीन को भारत ने करीब 12 लाख गांठ कॉटन निर्यात किया है। वहीं, वियतनाम और इंडोनेशिया को क्रमश: पांच-पांच लाख गांठ कॉटन का निर्यात हो चुका है। बाकी चार लाख गांठ कॉटन भारत ने अन्य देशों को निर्यात किया है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आकलन के अनुसार, चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में देश में रूई का कुल उत्पादन 358.50 लाख गांठ है जबकि पिछले साल का बकाया स्टॉक 125 लाख गांठ और आयात करीब 12 लाख गांठ को मिलाकर कुल आपूर्ति 495.50 लाख गांठ रहेगी, जबकि घरेलू खपत मांग 330 लाख गांठ और निर्यात 60 लाख गांठ होने के बाद 30 सितंबर 2021 को 105.50 लाख गांठ कॉटन अगले सीजन के लिए बचा रहेगा।

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अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बीते एक मार्च को कॉटन का भाव 92.77 सेंट प्रति पौंड तक उछला था, जबकि 31 मार्च 2021 को 80.77 सेंट प्रति पौंड पर बंद हुआ। भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बीते सत्र में कॉटन का भाव 21,450 रुपये प्रति गांठ पर बंद हुआ था।

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