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Pakistan में पहली बार चुनाव लड़ेगी कोई हिंदू महिला, जानें कौन हैं सवेरा प्रकाश?

Savera Prakash Pakistan, नई दिल्ली : पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव होने हैं। पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को मतदान होंगे। इस चुनाव में पहली बार खैबर-पख्तूनख्वा के बुनेर जिले से एक हिंदू महिला ने भी नामांकन दाखिल किया है। इस महिला का नाम सवेरा प्रकाश है। सवेरा ने बुनेर जिले में पीके-25 की सामान्य सीट के लिए आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। दरअसल उनके पिता ओमप्रकाश पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सदस्य रहे हैं। सवेरा अपने पिता से विरासत में मिली राजनीति को आगे बढ़ा रही हैं।

कौन है सवेरा प्रकाश ?

बता दें कि सवेरा प्रकाश वर्तमान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत हैं और उनके पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। सवेरा ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बताया कि उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि के कारण मानवता की सेवा करना मेरे खून में है। ये भी पढ़ें..Sunil Kedar: 150 करोड़ के घोटाले में दोषी कांग्रेस नेता सुनील केदार की विधानसभा सदस्यता खत्म

पढ़ाई के दौरान उनका सपना विधायक बनने का था

मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उनका सपना विधायक बनने का था। वह चाहती हैं कि सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और लाचारी को दूर किया जा सके।  पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के हालिया संशोधनों से सामान्य सीटों पर पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को शामिल करना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना खराब प्रबंधन और एक डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में अनुभव की गई असहायता से उत्पन्न हुआ था।

प्रकाश की उम्मीदवारी का इमरान नोशाद खान ने किया समर्थन

प्रकाश ने कहा कि वह क्षेत्र के गरीबों के लिए काम करने में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहती है। उनके पिता ओम प्रकाश, हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर, 35 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे हैं। प्रकाश की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर इमरान नोशाद खान ने  मैं रूढ़िवादिता को तोड़ने में उनका तहे दिल से समर्थन करता हूं। पाकिस्तान का चुनाव आयोग सामान्य सीटों पर महिला उम्मीदवारों का कम से कम 5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व अनिवार्य करता है।
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