इस्लामाबादः पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 10 हिन्दू परिवार के 50 सदस्यों ने धर्म परिवर्तन करते हुए इस्लाम कबूल कर लिया है। इस ताजा घटनाक्रम को लेकर चिंतित हिंदू कार्यकर्ताओं ने सरकार पर सामूहिक धर्मांतरण में शामिल होने का आरोप लगाया है। ये लोग प्रांत के मीरपुरखास क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों से हैं और इन्होंने शहर के बैत-उल ईमान न्यू मुस्लिम कॉलोनी मदरसे में आयोजित एक समारोह में धर्म बदला।
मदरसा के देखभाल करने वालों में से एक कारी तैमूर राजपूत ने पुष्टि की कि 10 परिवारों के करीब 50 सदस्यों ने इस्लाम कबूल कर लिया है, जिनमें 23 महिलाएं और एक साल की बच्ची शामिल है। खबरों के मुताबिक, धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद तल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज़ खान धर्मांतरण समारोह में शामिल हुए थे।
राजपूत ने मोहम्मद शामरोज खान के हवाले से कहा कि उन सभी ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है। किसी ने उन्हें मजबूर नहीं किया। वहीं, सामूहिक धर्मांतरण से परेशान हिंदू कार्यकर्ताओं ने रोष के साथ निराशा व्यक्त की। धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदू कार्यकर्ता फकीर शिव कुच्ची ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार खुद धर्मांतरण में शामिल है।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों से समुदाय के सदस्य सरकार से धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंध में धर्मांतरण यह एक गंभीर विषय है और इसे रोकने के बजाय मंत्री का बेटा धर्मांतरण कार्यक्रम में शामिल हो रहा है, जो शर्मनाक है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2021 में सिंध के बादिन इलाके में कम से कम 59 हिंदू मजदूरों ने जमींदार के कहने पर इस्लाम कबूल किया। वे कथित तौर पर सुरक्षा और वित्तीय सहायता के बदले वर्षों से इस जमींदार की कृषि भूमि पर खेती करते थे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)