गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की कोतवाली पुलिस ने रविवार को नकली दवाओं की ऑन डिमांड सप्लाई करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नकली दवाओं का जखीरा बरामद किया है। यह गिरोह नकली दवाएं खरीदकर विभिन्न मेडिकल स्टोरों पर सप्लाई करता था।
नगर पुलिस उपायुक्त निपुण अग्रवाल ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग बाहर से नकली दवाएं मंगाकर गाजियाबाद में बेच रहे हैं। सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद टीम ने रेलवे स्टेशन के पास माल गोदाम यात्री शेड से 30 पेटी नकली दवाइयों, 26 नकली रबर स्टांप और 04 मोबाइल फोन के साथ लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे कोटद्वार, उत्तराखंड निवासी एक व्यक्ति के माध्यम से नकली दवाएं मंगवाते हैं। फिर हम उन्हें गाजियाबाद के मेडिकल स्टोर्स पर सस्ते दामों पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं और उस पैसे को आपस में बांट लेते हैं।
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गिरफ्तार आरोपियों में जनपद बुलन्दशहर के ग्राम हिंगवाड़ा निवासी श्रीपाल, बिहार के आरा जनपद निवासी मुकेश, दिल्ली गेट, गाजियाबाद निवासी सबेज उर्फ शानू और पटेल नगर थाना सिहानी गेट, गाजियाबाद निवासी पुनित मित्तल है। अग्रवाल ने बताया कि इनके पास से जो दवाएं मिलीं उनमें ओजमेंटिन दवा की एक पेटी की कीमत 2600 रुपये है, जबकि ये लोग इसे स्टोर संचालकों को महज 650 रुपये में बेचते हैं। इसी तरह अल्ट्रासेट टैबलेट की एक पेटी की कीमत दो से ज्यादा है। हजार प्रिंट जबकि ये लोग इसे मात्र 450 रुपये में सप्लाई करते थे।
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