लखनऊः लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की ओर से ज्येष्ठ माह के बड़े मंगलवार पर आयोजित होने वाले भंडारों के आयोजन को लेकर आदेश जारी किए गए थे। इसका चौतरफा विरोध देखते हुए लखनऊ पुलिस ने अपना विवादित आदेश वापस ले लिया है। लखनऊ पुलिस ने अब संशोधित आदेश जारी किया है। इसके तहत अब भंडारा आयोजित करने वालों को केवल थाने में सूचना देनी होगी।
दरअसल लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने पूर्व में यह आदेश जारी किया था कि ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर आयोजकों को भंडारे के आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी। इस आदेश का राष्ट्रीय पर्व एवम् उत्सव समिति और लखनऊ में भण्डारा आयोजन से जुड़ी समिति मंगलमान के पदाधिकारियों ने काफी विरोध किया था। राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन भेजा और उनसे मांग की है कि इस आदेश को वापस लिया जाए।
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समिति ने ज्ञापन में स्पष्ट कहा था कि यह आदेश सनातन धर्मावलंबियों के आराध्य हनुमानजी की भक्ति को बांधने और रोकने का कुत्सित प्रयास है। ज्ञापन में राष्ट्रीय पर्व एवं समिति ने यह भी कहा था कि भारत जैसे राष्ट्र में नियमों के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से धार्मिक आस्था के पालन के लिए किसी भी तरह की कानूनी बाध्यता नहीं होनी चाहिए। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के बड़े मंगल के भंडारों के लिए जारी आदेश कुछ इसी तरह की मंशा जाहिर करते हैं।
राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति ने पुलिस कमिश्नर से यह मांग की थी कि बड़े मंगलवार पर आयोजित होने वाले भंडारों के लिए जारी किए गए अनुमति आदेश को अविलंब वापस लिया जाए अथवा इसे संशोधित किया जाए। यह आदेष सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं को आहत करने वाला है जो किन्ही भी परिस्थितियों में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बाद पुलिस ने अपने आदेश में संशोधन किया है। संशोधित आदेश जारी होने पर समिति के ललित श्रीवास्तव व शिवांक रमन भदौरिया व मंगलमान के राम कुमार ने इसका स्वागत किया है।
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