नई दिल्लीः हिंदू धर्म में हर दिन एक विशिष्ट देवता का पूजा का विधान है। इसी तरह मंगलवार का दिन भगवान हनुमानजी को समर्पित है। ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को भगवान बजरंगबली की पूजा का खास विधान है। इस माह के हर मंगलवार को ‘बड़ा मंगलवार’ (Bada Mangalwar) के नाम से जाना जाता है। इस साल पहना बड़ा मंगल (Bada mangal) नौ मई 2023 (मंगलवार) को पड़ रहा है। बड़े मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त मंदिरों में जाकर अपने आराध्य देव की भक्ति भाव के साथ आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बड़े मंगल पर व्रत एवं पूजन करने से भगवान हनुमानजी अपने साधक पर कृपा दृष्टि बरसाते हैं। साधक के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते है। साथ ही उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास हो जाता है। बड़े मंगल को सनातन और इस्लाम दोनों धर्म के अनुयायी एक साथ मनाते हैं। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में कितने बड़े मंगलवार पड़ रहे हैं और इसका इतिहास।
ज्येष्ठ माह में बड़ा मंगलवार (Bada Mangalwar) की तिथियां
इस वर्ष ज्येष्ठ मास की शुरुआत 06 मई 2023 को हुई है और इसका समापन 06 जून को पूर्णिमा तिथि के दिन होगा। ज्येष्ठ माह में चार मंगलवार पड़ रहे हैं जिन्हें ‘बड़ा मंगलवार’(Bada Mangalwar) कहा जाता है। ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल नौ मई, दूसरा 16 मई, तीसरा 23 मई और चौथा मंगल 30 मई को पड़ेगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़े मंगलवार को उत्सव जैसा माहौल रहता है।
बड़ा मंगलवार (Bada Mangalwar) की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल पर अहंकार हो गया था। तब एक बार भीम जंगल के मार्ग से होते हुए अपने घर जा रहे थे। तभी भगवान हनुमानजी मंगलवार के दिन बूढ़े वानर के भेष में उनके रास्ते में लेट गये थे। बूढ़े वानर को रास्ते में लेटा देख भीम ने उनसे हटने का अनुरोध किया। इस पर उस बूढ़े वानर ने भीम से कहा कि भाई, तुम मेरी पूंछ को स्वयं हटा दो और चले जाओ। इसके बाद भीम ने काफी प्रयास किया लेकिन उस बूढ़े वानर की पूंछ को हिला भी नहीं सके। तब उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने उस बूढ़े वानर से क्षमा याचना की। जिस पर भगवान हनुमानजी अपनी असली रूप में आकर उन्हें आशीर्वाद दिया। इस तरह भीम का अहंकार टूट गया। अतः इस दिन को बुढ़वा मंगलवार भी कहा जाता है।
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लखनऊ के नवाब से इस तरह जुड़ा है ‘बड़ा मंगल’ का इतिहास
एक समय की बात है। जब अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत ही ज्यादा बिगड़ गयी। सभी जगह इलाज कराने के बाद भी बेटे की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ तो लोगों ने उसे लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर जाने की सलाह दी। उस समय हनुमानजी की कृपा से अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह के पुत्र का स्वास्थ्य ठीक हो गया। उस समय अपने पुत्र को स्वस्थ देखकर नवाब की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। इसके बाद नवाब मोहम्मद अली शाह ने हनुमानजी की विधिवत पूजा की। साथ ही प्रसाद में भगवान हनुमानजी को गुड़ और धनिया का भोग लगाएं। इसके अलावा मंदिर परिसर में प्याऊ भी लगवाया। तब से यह त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बुधवा मंगल के दिन मंदिर को सजाया जाता है। दरबार में हनुमान जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है।
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