कानपुरः जैविक सब्जी उत्पादन स्वास्थ्य व सेहत के लिए सर्वोत्तम है। जैविक सब्जियों के प्रति उपभोक्ताओं के बढ़ते रुझान के कारण बाजार में इन सब्जियों के बेहतर दाम मिलने की वजह से किसानों के लिए सब्जियों की खेती मुनाफे का सौदा साबित हो रही है। यह बातें शनिवार को सीएसए के मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने कही। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जनपद में रसायन मुक्त सब्जी उत्पादन के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से कृषकों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में संदलपुर विकासखंड के गांव डबरापुर में कृषक परमाल के प्रक्षेत्र पर कृषकों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने बताया कि आधुनिक कृषि के तहत रासायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं जैविक खादों के नगण्य उपयोग की वजह से भूमि में मुख्य एवं सूचहम पोषक तत्वों की कमी होने से न केवल फसलों की पैदावार में गिरावट आ रही है। बल्कि विभिन्न कृषि उत्पादों की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। डॉक्टर खान ने बताया कि सब्जी उत्पादन में यह समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है। क्योंकि इनमें फसलों की अपेक्षा रासायनिक उर्वरक तथा पौध संरक्षण और वृद्धि नियंत्रक रसायनों का बेशुमार इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप जल वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है।
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उद्यान वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार सिंह ने सब्जी मटर, मूली, टमाटर, गोभी, बंद गोभी, पत्ता गोभी इत्यादि सब्जियों की वैज्ञानिक विधि के बारे में विस्तार से किसानों को जानकारी दी। डॉ विनोद प्रकाश में सब्जी की खेती के तरीके को बढ़ावा देने की पहल की है। क्योंकि यह पर्यावरण अनुकूल और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ होने के अलावा कृषक समुदाय के सामाजिक, आर्थिक विकास के उद्देश्य को पूरा करता है। इस अवसर पर डॉ सुशील कुमार यादव ने कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज कानपुर के डॉक्टर एके शर्मा के नेतृत्व में टीम ने किसानों के रक्त नमूना भी लिए। जिससे किसानों के शरीर पर रासायनिक कीटनाशकों के प्रभाव के परिणाम को भी देखा जाएगा। केंद्र के शरद सिंह ने सभी किसानों का पंजीकरण किया। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक हुकुम सिंह, कैलाश बाबू, प्रमोद कुमार, अनिरुद्ध, ज्ञान सिंह, शिवप्रसाद सहित 60 से अधिक किसान उपस्थित रहे।
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