Home प्रदेश Chhath Mahaparva: राजस्थान में छठ पर्व की धूम, घाटों पर गूंजे छठ...

Chhath Mahaparva: राजस्थान में छठ पर्व की धूम, घाटों पर गूंजे छठ मैया के लोक गीत

chhath-festival-celebrated

Chhath Mahaparva जयपुरः चार दिवसीय छठ सूर्य उपासना महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को 36 घंटे का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्यास्त के समय सूर्यदेव को जल अर्पित किया। शाम होने से पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु बांस की टोकरियों में मौसमी फल, ठेकुआ, कसार, गन्ना और पूजा सामग्री लेकर गलताजी, आमेर के सागर, मावठे पर पहुंच गए। जैसे-जैसे सूर्य अस्त की ओर बढ़ा, सभी श्रद्धालुओं ने कमर तक पानी में खड़े होकर लोकगीत गाते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित किया।

अर्घ्य के लिए बनाए जाते थे कृत्रिम जलाशय

मान्यताओं के अनुसार शाम के समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ समय बिताते हैं। इसलिए छठ पूजा में शाम के समय डूबते सूर्य को जल अर्पित करने से उनकी पत्नी प्रत्यूषा की भी पूजा की जाती है। इससे श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। मुख्य रूप से गलताजी तीर्थ, शास्त्री नगर में स्वर्ण जयंती गार्डन के पीछे किशनबाग, हसनपुरा में दुर्गा विस्तार कॉलोनी, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर, रॉयल सिटी माचवा, मुरलीपुरा, आदर्श नगर, विश्वकर्मा, जवाहर नगर, निवारू रोड, झोटवाड़ा में लक्ष्मी नगर, कानोता, आमेर रोड, सोडालाला, अजमेर रोड, हीरापुरा पावर हाउस, सिविल लाइंस, गुर्जर की थड़ी, आकेड़ा डूंगर आदि क्षेत्रों में संध्या अर्घ्य दिया गया। उपनिवेशों में कृत्रिम जलाशयों का निर्माण करके अर्घ्य दिया जाता था।

गलताजी व अन्य जलस्रोतों पर रातभर जागरण हुआ। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार के लोक गायकों ने छठ मैया का गुणगान किया। गलताजी तीर्थ पर स्वयंसेवक के रूप में एसके सिन्हा, डॉ. एके ओझा, चंदन रावत, राम आशीष प्रजापत, संजीव मिश्रा, रंजीत पटेल, नरेश मिश्रा, शशिशंकर झा, सत्यनारायण यादव, देवेंद्र मंडल, राहुल कुमार, चंदन सिंह, प्रहलाद मंडल, रूप किशोर, नोखेलाल महतो आदि ने सेवा दी। बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाष बिहारी ने अलग-अलग जगहों पर व्यवस्था संभाली।

यह भी पढ़ेंः-Operation Ladli: पुलिस ने कसी कमर, बाल विवाह रोकने के लिए करेगी ये काम

शुक्रवार को देंगे उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य:

शुक्रवार को संतान की लंबी आयु की कामना के साथ उगते सूर्य देव को छठ मैया मानकर अर्घ्य दिया जाएगा। व्रती सुख-समृद्धि के लिए छठ मैया से प्रार्थना करेंगे। अर्घ्य के बाद व्रती घर आकर पारणा करेंगे। जिनके घर में किसी कार्य की सिद्धि की कामना की गई, उसके पूर्ण होने पर मांगी कोसी भरी जाएगी। सुबह कोसी के साथ गन्ना, ठेकुआ आदि प्रसाद बांधा जाता है। सूर्य देव की लालिमा से पहले कोसी का विसर्जन किया जाएगा। कोसी में मिट्टी के हाथी पर दो बर्तन और गन्ना रखा जाता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version