प्रदेश उत्तर प्रदेश Featured

निर्जला एकादशी पर भक्तों ने पवित्र गंगा में लगायी पुण्य की डुबकी, विधि-विधान से किया पूजन

nirjala-ekadashi-varanasi वाराणसीः धर्म नगरी काशी में ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने निर्जल व्रत रख पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर दान पुण्य के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीहरि का विधि-विधान से पूजन भी किया। निर्जला एकादशी पर अलसुबह से दोपहर तक गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु का घाटों पर आना-जाना लगा रहा। दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा, शीतलाघाट, केदारघाट, अहिल्याबाईघाट पर स्नान के लिए भक्तों की सर्वाधिक भीड़ जुटी रही। भोर से ही स्नान दान का क्रम शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों, ब्राम्हणों को भोजन कराकर उन्हें अपनी सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, छाता, स्वर्ण, जलपूरित कलश, चीनी आदि दान दिया। गौरतलब हो कि निर्जला एकादशी का व्रत-स्नान करने से ही एक वर्ष की 26 एकादशी का फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन बगैर जल ग्रहण किए स्नान-दान-ध्यान से पूरे वर्ष परिवार पर किसी तरह का संकट नहीं आता है। ये भी पढ़ें..भारत की प्रगति पर सवाल उठा रहे राहुल गांधी, कांग्रेस नेता... एकादशी के दिन गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व ’ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करना चाहिए। इन मंत्रों के जप से से प्राणी पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर विष्णुजी की कृपा पाता है। शास्त्रों में इस दिन का पौराणिक और धार्मिक महत्व सभी एकादशियों में सबसे अधिक है। मान्यता है कि इस एकादशी के दिन निर्जला उपवास रखने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी साधक पर बेहद प्रसन्न होती हैं और भक्त को सुख-समृद्धि और यश का आशीर्वाद देती हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)