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तेजी से फैल रहा ओमिक्रोन, विदेश से आने वालों के लिए डॉक्टरों ने की ये मांग

COVID-19 testing of passengers at ISBT

उज्जैनः यूके से आई महिला और उसके बच्चे की मुंबई एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर करवाई गई थी। महिला और बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वे पुन: फ्लाइट से इंदौर के लिए रवाना हुए। इंदौर से ये उज्जैन आए। यहां इनकी आरटीपीसीआर जांच करवाई गई। उसमें ये दोनों पॉजिटिव आ गए। करीब 72 से 100 घण्टे के दौरान एक रिपोर्ट निगेटिव आना और उज्जैन आने के बाद महिला एवं बच्चे की तबीयत खराब होना, इसके बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मामला उज्जैन के चिकित्सकों को चिंतित कर गया है।

नोडल अधिकारी डॉ.एच.पी.सोनानिया के अनुसार वे कलेक्टर के माध्यम से सरकार से मांग कर रहे हैं कि जिस एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले भारतीय उतरें, उन्हे वहां कम से कम 7 दिन क्वारंटीन करें और दो बार उनकी आरटीपीसीआर हो। उन्होंने बताया कि यूके में इस समय केवल ऑमिक्रान फैला हुआ है। वहीं से आने वाले मां, बेटे की रिपोर्ट मुंबई में निगेटिव आई। इसके बाद वे इंदौर से उज्जैन तक आ गए। यहां रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। ऐसे में जितने लोगों से सम्पर्क में आए होंगे, कहना मुश्किल है कि संक्रमण कहां तक पहुंचा होगा। यदि ये मुंबई एयरपोर्ट पर ही 7 दिन क्वारंटीन हो गए होते तो संभव है कि संक्रमण जोकि फैला ही होगा,रूक जाता।

कोरोना मामलों के एक्सपर्ट एवं शोधकर्ता डॉ.संजीव कुमरावत के अनुसार उक्त महिला एवं बच्चे की पहली रिपोर्ट इसलिए निगेटिव आई क्योंकि उनके शरीर की एंटीबॉडी वायरस से मुकाबला करती रही। जब एंटीबॉडी हार गई तो वायरस पुन: हावी हो गया। आशंका ही नहीं पूरी संभावना है कि वायरस तो मूव कर रहा था लेकिन बची हुई एंटीबॉडी के कारण वह जांच में सामने नहीं आ पाया। ऐसे में अब तो सरकार को एयरपोर्ट से ही 7 दिन के लिए उसी शहर में क्वारंटीन की व्यवस्था करना चाहिए। ताकि संक्रमण देशभर में फैलने से रुक सके। पता नहीं किसके सम्पर्क में व्यक्ति आए और वह व्यक्ति कितनों को संक्रमित कर जाएं।

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ऐसे समझ सकते हैं संक्रमण की तीव्रता

डॉ. कुमरावत के अनुसार, 27 नवंबर को साउथ अफ्रिका में ऑमिक्रान वायरस डिटेक्ट हुआ। एक माह में पूरे विश्व के 120 देशों में वह फैल गया। आज 27 दिसंबर है। भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़े। यह मामले विदेश से आने वाले लोगों के कारण ही हुए। वरना यहां तो डेल्टा वायरस मूवमेंट कर रहा था। ऐसे में अब यह और अधिक तेजी से बढ़ेगा, इसकी पूरी संभावना है। साउथ अफ्रीका में ये चौथी लहर थी, लेकिन हमारे यहां तीसरी लहर में ही ऑमिक्रान आ गया।

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