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अब सात जनवरी को होगी ज्ञानवापी प्रकरण के वजूखाने में गंदगी मामले की सुनवाई

gyanvapi

वाराणसीः एसीजेएम पंचम एमपी, एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में गुरूवार को ज्ञानवापी प्रकरण के वजूखाने में गंदगी और नेताओं के विवादास्पद बयानबाजी मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने इस याचिका पर चौक थाने से स्पष्ट आख्या तलब कर अगली सुनवाई की तिथि सात जनवरी नीयत की है। इसके पहले चैक पुलिस ने अदालत में जो आख्या दाखिल किया था उसमें मुकदमा को लेकर स्पष्ट नही किया गया।

याचिका में प्रतिवादी पक्ष ने अपना पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी, नवीन पांडेय, आसिफ उमर और गुलाम गौस का वकालतनामा अदालत में दाखिल किया। शहर मुफ्ती अब्दुल वातिन, इंतजामिया कमेटी के सेक्रेटरी के इस कार्य का वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने जमकर विरोध किया। वादी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते है और गंदगी फैलाई जाती हैं। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है।

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साथ ही सर्वे में मिली शिवलिंग की आकृति को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कमीशन कार्यवाही के दौरान विरोध, बाधा पहुंचाने और वजूखाने में गंदगी फैलाने के आरोप में सभी आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इसके पहले याचिका को अदालत ने सुनवाई योग्य बताया था। ज्ञानवापी प्रकरण से ही जुड़े 06 अन्य मामलों में सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की अदालत ने सुनवाई की तिथि 12 जनवरी मुकर्रर की है।

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