नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को तमिलनाडु पीएफआई साजिश मामले में दो अधिवक्ताओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान अब्दुल रज्जाक, एडवोकेट मो. यूसुफ, एडवोकेट एम. मो. अब्बास, कैसर ए और सतीक अली।
एनआईए ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ कुल संख्या 15 हो गई है। इससे पहले दिन में एनआईए ने थेनी, डिंडीगुल, मदुरै और चेन्नई जिलों में छह स्थानों पर तलाशी ली थी। जिन जगहों पर तलाशी ली गई उनमें ज्यादातर घरों और फार्महाउस सहित आरोपियों की संपत्तियां शामिल थीं। एनआईए ने कहा, तलाशी के दौरान, धारदार हथियार, डिजिटल उपकरण और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई, जिससे पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की अवैध और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से संबंधित मामला एनआईए द्वारा शुरूआत में 19 सितंबर, 2022 को दर्ज किया गया था।
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17 मार्च को एनआईए ने 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जांच ने आया कि आरोपियों ने साजिश रची और कथित दुश्मनों को मारने की योजना बनाई, जो पीएफआई की विचारधारा से जुड़े नहीं थे और एक स्थापित करने की इसकी योजना के विरोध में थे। 2047 तक भारत में इस्लामिक स्टेट। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा, आरोपी व्यक्तियों की बड़ी संख्या में PFI कैडरों, खास तौर पर युवाओं को कट्टरपंथी बना दिया, जिन्हें संगठन के नेतत्व के जरिए चुना गया था।और उन्हें हमला करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था, अपने विरोधियों को मार डालो और मार डालो।” उसे मारने-पीटने के लिए तरह-तरह के हथियारों के इस्तेमाल का भी प्रशिक्षण दिया गया था। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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