भोपाल: कोरोना के बढ़ते मामलों और सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए नाईट कर्फ्यू के बीच मध्य प्रदेश में शुक्रवार की रात जगह-जगह नये साल का जश्न मनाया गया। राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में देर रात लोग झूमते-नाचते नये साल का स्वागत करते नजर आए। गलियों-मोहल्लों देर रात तक आयोजन हुए। इस दौरान ठंड के तीखे तेवर भी देखने को मिले, लेकिन लोगों के उत्साह के आगे ठंड का असर भी नाकाम रहा।
प्रदेश के सभी धार्मिक और पर्यटनों पर शुक्रवार शाम से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से लेकर ओंकारेश्वर, मांडू और हनुवंतिया तक नववर्ष पर ईश्वर की आराधना के साथ पर्यटन का रुझान दिखने लगा। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में साल के आखिरी दिन 35 हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। इसके अलावा उज्जैन स्थित मां हरसिद्धि शक्तिपीठ मंदिर, चारधाम मंदिर, काल भैरव मंदिर, चिंतामन गणेश मंदिर में और रामघाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
प्रदेश का कश्मीर कहे जाने वाले पचमढ़ी में नए साल का जश्न पूरे गर्मजोशी के साथ मना। यहां पहुंचे टूरिस्ट्स ने होटलों में फिल्मी गानों की धुनों पर जमकर डांस किया। इससे पहले साल के आखिरी दिन प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ में सन सेट देखने पहुंचे टूरिस्ट को मायूस लौटना पड़ा। यहां दिनभर कोहरा छाया रहा। धुंध के कारण सन सेट नहीं दिखा। नाइट कर्फ्यू और कोरोना के कारण टूरिस्ट भी कम संख्या में पहुंचे थे।
उधर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शुक्रवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई। यहां 20 हजार से अधिक लोगों ने दर्शन का लाभ लिया। शनिवार को सुबह से श्रद्धालु नया साल की शुरुआत भगवान भोलेनाथ के दर्शनों से करेंगे। इसके लिए 50 हजार श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट व प्रशासन द्वारा व्यवस्था की गई है। नए साल के पहले दिन शनिवार को भीड़ की वजह से भगवान के मूल स्वरूप पर सीधे जल, फूल और बिल्व पत्र नहीं चढ़ा सकेंगे।
धार जिले की पर्यटन नगरी मांडू में वर्ष के अंतिम दिन लगभग 10 हजार से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचे। नव वर्ष पर पर्यटकों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। यहां सनसेट प्वाइंट पर बड़ी संख्या में पर्यटक जमा हुए। सूर्यास्त के नजारे को देख इस वर्ष को विदाई दी। खंडवा के पर्यटन केंद्र हनुवंतिया में भी सैलानियों की भीड़ रही। हनुवंतिया में पर्यटन विकास निगम और इवेंट कंपनी द्वारा पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। कोविड प्रोटाकाल की वजह से बड़े स्तर पर नए साल का जश्न रात 11 बजे तक मना, जबकि गली-मोहल्लों में देर रात लोग नाचते-गाते रहे और रात 12 बजे केक काटकर नये साल का स्वागत किया।