Wednesday, December 18, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशकॉर्पोरेशन की लापरवाही से नेट मीटरिंग वाले उपभोक्ता परेशान

कॉर्पोरेशन की लापरवाही से नेट मीटरिंग वाले उपभोक्ता परेशान

Net metering consumers upset due to corporation's negligence

लखनऊः राजधानी में हर माह बिजली बिल भुगतान से बचने के लिए हजारों उपभोक्ताओं ने ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगवाया। अब सोलर सिस्टम लगवाने वाले उपभोक्ताओं को कॉर्पोरेशन की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में पांच हजार से अधिक संख्या में उपभोक्ता ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगवा चुके हैं। इन उपभोक्ताओं को उम्मीद थी कि हर महीने बिजली बिल भरने से मुक्ति मिलने के साथ ग्रिड को बिजली देने से कुछ कमाई भी होगी। हालांकि, कॉर्पोरेशन की लापरवाही अब इन पर भारी पड़ रही है। कई उपभोक्ताओं के परिसर पर नेट मीटर भी लगा है लेकिन बीते मार्च व अप्रैल माह में ऑटोमैटिक बिलिंग नहीं हुई वहीं कई उपभोक्ताओं के मार्च माह से अब तक बिल नहीं बने हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि इस समस्या से कई बार एक्सईएन व एसडीओ को अवगत भी कराया जा चुका है। हालांकि, न तो ऑनलाइन बिल बन रहे हैं और न ही कर्मचारी रीडिंग लेने आ रहा है। जानकारी के मुताबिक, पावर कॉर्पोरेशन ने तीन महीने पहले सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया था, बावजूद इसके सॉफ्टवेयर को नेट मीटर से इंटीग्रेड नहीं किया जा सका।

इसके चलते ऑटोमैटिक बिल जनरेट नहीं हो रहे हैं और एक्सपोर्ट एनर्जी बिल में कम नहीं हो रही है। एसडीओ, एक्सईएन से शिकायत के बाद एक्सपोर्ट एनर्जी को बिल से टैगिंग कर नया बिल जनरेट होता है। गौरतलब है कि लेसा में करीब 3,000 नेट मीटर बनेगा। उल्लेखनीय है कि लेसा में तीन हजार की संख्या में नेट मीटर उपभोक्ता हैं। इनमें गोमतीनगर में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या 2,000 जबकि चिनहट 600 है। मध्यांचल के अधिकारियों ने बताया कि ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने वाले उपभोक्ताओं की नियमित रीडिंग में तकनीकी समस्या आ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए सभी अधिशाषी अभियंताओं को कर्मचारी भेजकर रीडिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। नेट मीटर वाले किसी उपभोक्ता के यहां रीडिंग नहीं होती है, तो वह इसकी शिकायत 1912 पर करे।

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बकाए पर कटा कनेक्शन जुड़ा मिला, तो नपेंगे जेई व लाइनमैन

ऊर्जा विभाग में बिजली चोरी सम्बंधी एक नए आदेश से जूनियर इंजीनियरों और लाइनमैनों में हलचल मची हुई है। इस नए आदेश के तहत बकाए में अस्थाई रूप से काटा गया बिजली का कनेक्शन जांच में जुड़ा पाया गया, तो जेई व लाइनमैन के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। मुकदमे दर्ज कराने के साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। मुख्य अभियंता (वाणिज्य) स्तर-एक की ओर से इस सम्बंध में जारी सभी डिस्काम पूर्वांचल, दक्षिणांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल, केस्को के निदेशक वाणिज्य को भेजा गया है। इस पत्र में बिजली चोरी व अनियमितता के खिलाफ की जाने वाली जांच व कार्रवाई के सम्बंध में लिखा गया है। बिंदु छह में लिखा है कि विजिलेंस जांच में अस्थाई रूप से काटे गए कनेक्शन (टीडी) के मामले में बिजली बिल बकाया होने के बाद भी कनेक्शन जुड़ा हुआ मिलने पर क्षेत्र के लाइनमैन और अवर अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

इस बिंदु में आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई जोड़ा जाना विवाद व चर्चा का विषय बना हुआ है। उक्त आदेश को लेकर अफसरों का कहना है कि लाइनमैन व जेई के खिलाफ आईपीसी की किन धाराओं में कार्रवाई की जाएगी, इसका अध्ययन किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में चोरी के मामले दर्ज करने के लिए बिजली थाने खोले गए हैं। पहली बार कोई उपभोक्ता बिजली चोरी में पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 135 में मुकदमा दर्ज किया जाता है। दूसरी बार बिजली चोरी में पकड़े जाने पर आईपीसी की धारा 138-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

रिपोर्ट-पंकज पांडेय

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