Sunday, November 24, 2024
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हरियाणा में एनसीडीसी की बनेगी शाखा, नए वायरस और रोगों की पहचान होगी संभव

चंडीगढ़: उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की शाखा शीघ्र ही हरियाणा के उत्तरी भाग में स्थापित की जायेगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़, दुरूस्त और लगातार संचालित रखने के लिए राज्य एक और कदम आगे बढ़ गया है।इस शाखा की स्थापना के लिए गुरुवार को जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी।

गुरुवार को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने एनसीडीसी शाखा के लिए अम्बाला छावनी में चार एकड़, 11 मरले जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नाम ट्रांसफर किया। तीन चरणों में एनसीडीसी ब्रांच का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।

जमीन की रजिस्टरी अंबाला छावनी तहसील में हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अनिल दिगम्बर पाटिल एवं हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की ओर से अम्बाला के सीएमओ कुलदीप सिंह जमीन ट्रांसफर की कार्रवाई के दौरान तहसील में मौजूद रहे। अम्बाला छावनी के नग्गल में 20 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में एनसीडीसी की शाखा के लिए चार मंजिला बिल्डिंग बनायी जाएगी। इसके बाद द्वितीय चरण में यहां आधुनिक उपकरणों से लैस लैब स्थापित होगी। इससे पहले नगर परिषद अम्बाला सदर ने जमीन को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के नाम 2.03 करोड़ रुपये में ट्रांसफर किया था। बाद अब यह जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि अम्बाला में स्थापित हो रही राष्ट्रीय स्तर की एनसीडीसी शाखा में कई गंभीर, नए रोग एवं वायरस की जांच होगी और उनके आंकड़ों का विश्लेषण होगा। लैब में वायरस को जानने के लिए जीनोम सिक्वेसिंग हो सकेगी। इसके अलावा लैब में नीपा वायरस, जीका वायरस, रैबीज, जूनाटिक रोग, कोविड-19, ओमीक्रॉन, हेपाटाइटिस के अलावा अन्य गंभीर वायरस की जांच और सभी प्रकार के नए टेस्ट भी होंगे। इससे बीमारियों की जल्द पहचान एवं उनका निदान हो सकेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया अब तक इस प्रकार के टेस्ट केवल दिल्ली स्थित एनसीडीसी में होते थे। अब अंबाला में इसके स्थापित होने से अम्बाला उत्तर भारत का प्रमुख जांच केंद्र बन जाएगा। इससे समय की बचत भी होगी। समूचे उत्तर भारत से गंभीर एवं नई बीमारियों के सेंपल अम्बाला स्थित लैब में चैक किए जाएंगे और जीवाणुओं पर रिसर्च भी यहीं पर की जाएगी।

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उत्तर भारत में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में इस तरह की अब तक कोई शाखा नहीं है। शाखा द्वारा विभिन्न वैक्सीन, दवाइयों व अन्य नैदानिक किट की उपलब्धता के लिए भी कार्य होगा। फिलहाल, कोरोना सेंपल की जांच के लिए पहले दिल्ली व पूना लैब पर निर्भर रहना पड़ता था, मगर यहां भी अब नई बीमारियों की जांच हो पाएगी।

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