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सिद्धू को सजा के बाद बदली पंजाब की सियासत, कोई समर्थन में तो कोई कर रहा विरोध

चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है। वहीं सिद्धू को सजा मिलने के बाद पंजाब में राजनीतिक सियासत शुरु हो गई है। इस बीच पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने नवजोत सिद्धू के खिलाफ आए अदालती फैसले पर पहली प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा है कि उन्हें अफसोस भी है और खेद भी है। राजा वडि़ंग आज पटियाला के निकट संगरूर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से बातचीत में राजा वडि़ंग ने कहा कि राजनीति में बातें और होती हैं लेकिन जो हुआ वह गलत हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था।

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वडि़ंग ने कहा कि वह मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं। कांग्रेस प्रधान ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे। इस मामले में जो भी हुआ गलत हुआ है। पंजाब के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत ने सिद्धू को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी जुबान एके 47 की तरह चलती है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवजोत सिद्धू कातिल साबित हुए हैं। सजा एक दिन की हो या सौ दिन की, बराबर है। नवजोत सिद्धू अब दोषी साबित हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व विधायक नाजर सिंह मानशाहिया ने नवजोत सिद्धू का समर्थन करते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वह पूरी तरह से नवजोत सिद्धू के साथ हैं।

सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू खराब सेहत का हवाला देते हुए सरेंडर करने के लिए समय मांगने को याचिका दायर करेंगे। नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत भले ही नहीं मिली है, लेकिन वकीलों की ओर से इसके लिए कानूनी-दांवपेच आजमाए जा रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की सेहत की स्थिति, जांच रिपोर्ट्स का सहारा लेकर सरेंडर करने के लिए मोहलत लेने की हर संभव कोशिशें की जा रही हैं।

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