Home उत्तराखंड खुशखबरी! अब आसानी से मिलेंगे मशरूम के बीज, यहां बनेगी प्रयोगशाला

खुशखबरी! अब आसानी से मिलेंगे मशरूम के बीज, यहां बनेगी प्रयोगशाला

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चम्पावत: जिले में मशरूम का उत्पादन (Mushroom farming) करने वाले काश्तकारों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें बीज (स्पॉन) के लिए दूसरे जिलों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। दिसंबर तक लोहाघाट के कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम बीज की प्रयोगशाला बन जाएगी। इसके लिए जिला योजना से पहले ही बजट दिया जा चुका है।

मशरूम की खेती (Mushroom farming) को बढ़ावा देने के लिए लोहाघाट के केवीके में मशरूम स्पॉन लैब में बीज तैयार किए जाएंगे। जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडेय ने बताया कि 2023-24 में जिला योजना में मिले 37.50 लाख रुपये कृषि विज्ञान केंद्र को दिए जा चुके हैं। मशरूम के बीज के लिए किसान अब तक नैनीताल जिले के ज्योलीकोट और दूसरी जगह की दौड़ लगाते थे। स्पॉन लैब तैयार होने से यह बीज जिले में ही किसानों को मिलेगा। इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

क्या है स्पॉन लैब?

मशरूम एक विशेष प्रकार का कवक है। मशरूम की खेती (Mushroom farming) में उपयोग होने वाले बीज को स्पॉन कहते हैं। इस वानस्पतिक बीज को वैज्ञानिक विधि से प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है। कृत्रिम माध्यम और उचित तापमान पर उगाने से कवक जाल (संवर्द्धन) प्राप्त किया जाता है। इसी संवर्धन से मशरूम बीज तैयार किया जाता है।

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जिले में मशरूम का नौ टन उत्पादन

स्वाद और सेहत के लिए मुफीद मशरूम की सब्जी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन की प्रचुरता होती है। सब्जी के अलावा इसका उपयोग पापड़, बिस्किट, ब्रेड, चिप्स, नूडल्स, अचार, सूप आदि के रूप में भी होने लगा है। जिले में नौ टन मशरूम का उत्पादन होता है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. अमरेश सिरोही ने बताया कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद केवीके में प्रयोगशाला का निर्माण शुरू हो जाएगा। तीन महीने में निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। लैब बनने से किसानों को मशरूम का बीज यहीं से उपलब्ध कराया जाएगा।

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