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मुकीम काला ने पश्चिमी यूपी में जमकर बरपाया कहर, दिनदहाड़े की थी एनआईए अफसर की हत्या

लखनऊः उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में शुक्रवार दोपहर को गैंगवार के दौरान कैदी अंशुल दीक्षित ने मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को मार डाला। इसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में अंशुल को भी मार गिराया। गैंगवार में मारा गया मुकीम काला आतंक का दूसरा नाम था। मजदूरी करने वाला मुकीम ने अपराध की दुनिया में कदम रखा तो कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा। उसने दिनदहाड़े एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या की थी। हत्या से पहले उसने प्रैक्टिस के तौर पर लखनऊ में एक होटल मैनेजर की गोली मारकर मौत के घाट उतारा था। उसके खिलाफ अलग-अलग थाना में 61 मुकदमें हैं। उसके गिरोह का मुख्य काम लूट, हत्या और डकैती, जबरन रंगदारी वसूलना था।

पलायन को हुए मजबूर
गैंगस्टर अपराधी मुकीम काला ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में अपना कहर जमकर बरपाया। वो जिस व्यक्ति से रंगदारी मांगता था, न देने पर उसकी हत्या कर दी जाती थी। उसने ऐसे कई हत्या की वारदात को अंजाम दिए थे। इस वजह से लोग पलायन करने को मजबूर हो गये थे।

मुख्तार अंसारी का काम भी देखता था मुकीम
चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार में मारा गया मेराजुद्दीन बांदा जेल में बंद बसपा के विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबी था। बागपत जिला जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मेराजुद्दीन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्तार का काम देखता था। इसमें मुस्तकीम काला भी उसकी मदद करता था।

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कई राज्यों में फैला खौफ
मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दिया था। इसी मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम को आगे बढ़ा दिया। मुकीम काला का खौफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, दिसम्बर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया, जिसके बाद मुकीम काला ने कग्गा के गैंग की जिम्मेदारी संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।