भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की उपस्थिति में क्रिस्प एवं एनएसडीसी के मध्य एमओयू (अनुबंध पत्र) पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत ग्रामीण जनजातीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण (training) दिया जाएगा। संस्थान आपस में मिलकर रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस अनुबंध में क्रिस्प, युवा विकास सोसायटी एवं एनएसडीसी के सहयोग से संसदीय संकुल परियोजना में युवाओं को ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण (training) का क्रियान्वयन किया जाएगा।
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अनुबंध पत्र पर भारत सरकार के एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेदमणि तिवारी और क्रिस्प के एमडी डॉ. श्रीकांत पाटिल ने हस्ताक्षर किए। क्रिस्प संस्थान के जर्मन प्रतिनिधि माइकल थॉमस वॉल्फ उपस्थित थे। क्रिस्प एवं नेशन फर्स्ट पॉलिसी रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के साथ भी एमओयू हुआ। इस अनुबंध-पत्र पर क्रिस्प एमडी डॉ. पाटिल और नेशन फर्स्ट पालिसी रिसर्च सेंटर के डॉयरेक्टर उदय भास्कर ने हस्ताक्षर किए।
युवाओं के कल्याण पर केंद्रित है अनुबंध
अनुबंध में क्रिस्प एवं एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप होगी। इससे आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सतत उद्देश्यों की पूर्ति होगी। एनएसडीसी के सहयोग के साथ ग्रामीण उद्यमी परियोजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में किया जाएगा, जिसमें 22 हजार 811 पंचायतों में से हितग्राहियों का चयन कर प्रशिक्षण (training) दिया जाएगा। इन्हें स्व-रोजगार से जोड़ा जायेगा। इससे ग्रामीण युवाओं को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाने से पलायन की प्रवृत्ति रूकेगी। एनएसडीसी के सहयोग से युवाओं को तकनीकी एवं फ्यूचर स्टिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो भविष्य में कौशल के क्षेत्रों में कार्य के लिए उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने अनुबंध के अवसर पर दोनों संस्थाओं को बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान और संतोष ने क्रिस्प की गतिविधियों की जानकारी भी प्राप्त की। हितानंद शर्मा और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास आकाश त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
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