भोपालः भारत निर्वाचन आयोग इस साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कई नए प्रयोग करने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) में बुजुर्ग और दिव्यांग घर से वोट कर सकेंगे। वहीं, आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को इसकी जानकारी खुद और राजनीतिक दल को जारी करनी होगी। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग की एक टीम तीन दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आयी।
इस प्रवास के दौरान चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा की और प्रशासनिक अमले से चुनावी तैयारियों का ब्योरा भी लिया। साथ ही मतदान केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजीव कुमार ने चुनाव में बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं पर विशेष जोर देने का जिक्र करते हुए कहा कि इस चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर बैठे वोट देने की सुविधा दी गई है। । जा रहा है। इसके लिए 12-डी फॉर्म भरना होगा।
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अगर यह फॉर्म नामांकन के पांच दिन के अंदर भर दिया जाता है तो आयोग की टीम उनके घर जाकर मतदान कराएगी और मतदान निष्पक्ष व गोपनीय रहे, इसके लिए इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। इसकी जानकारी सभी राजनीतिक दलों को दी जायेगी। चुनावों में राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले लोगों को भी मैदान में उतारते हैं, मतदाताओं को ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानने का अधिकार है, इसीलिए चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रहा है, जिसके तहत यदि उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो उसे वोट देने की अनुमति दी जाएगी। उसका निर्वाचन क्षेत्र। प्रमुख अखबारों में तीन बार विज्ञापन जारी करना होगा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रसारित करना होगा, जिसमें उसे बताना होगा कि उसके खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं।
इसी तरह, राजनीतिक दल को भी प्रकाशित करना होगा और बताना होगा कि उन्हें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को क्यों चुनना पड़ा, क्या उन्हें क्षेत्र में कोई अन्य उम्मीदवार नहीं मिला और उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को क्यों चुना। राजीव कुमार ने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य के अधिकारियों से चर्चा की गई है।
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