Saurabh Sharma case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में छापेमारी के बाद लोकायुक्त टीम पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस कार्रवाई के बाद लोकायुक्त टीम ने उसके ठिकानों से 8 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति बरामद होने की पुष्टि की, लेकिन कोर्ट में मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक लोकायुक्त ने 28.5 लाख रुपये नकद, 5 लाख रुपये से अधिक के जेवरात और 21 लाख रुपये की चांदी जब्त करने का दावा किया है।
Saurabh Sharma case: छापेमारी के बाद से फरार
इससे लोकायुक्त जांच में अनियमितता की आशंका बढ़ गई है। 19 दिसंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौड़ के आवास पर छापा मारकर 2 करोड़ 85 लाख रुपये नकद समेत 7 करोड़ 98 लाख रुपये की संपत्ति बरामद की थी। तब से सौरभ शर्मा फरार है। इसी बीच 25 दिसंबर को सौरभ के वकील ने भोपाल कोर्ट में उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई। इस पर लोकायुक्त की ओर से डीएसपी वीरेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए और सौरभ की जमानत का विरोध किया। उनके द्वारा कोर्ट में पेश किए गए विरोध पत्र में कई विसंगतियां सामने आई हैं।
शनिवार को कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज सामने आए, जिसमें सौरभ के ठिकानों से बरामद संपत्ति में 28.5 लाख रुपए नकद, 5 लाख रुपए से अधिक के जेवरात और 21 लाख रुपए की चांदी शामिल है। जिसकी कुल कीमत 55 लाख रुपए है। हालांकि लोकायुक्त अधिकारी इसे टाइपिंग की गलती बता रहे हैं। इसे जल्द ही ठीक करने का दावा किया जा रहा है।
Saurabh Sharma case: ईडी ने करीबियों के यहां भी मारा छापा
लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। एक दिन पहले शुक्रवार को ईडी ने भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में सौरभ शर्मा और उनके करीबियों के छह ठिकानों पर छापेमारी की थी। देर रात हुई इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने कई अहम सबूत जुटाए। खास तौर पर सौरभ शर्मा के मुख्य घर और दफ्तर पर लोकायुक्त टीम ने छापेमारी की, लेकिन उनके दूसरे घर और उनके सहयोगी शरद जायसवाल के आवास पर जांच नहीं हो पाई।
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इधर, सवाल यह उठ रहा है कि लोकायुक्त कार्रवाई के दौरान सौरभ शर्मा के घर से इनोवा कार मेंडोरी के जंगल में कैसे पहुंची, जिसमें कथित तौर पर 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। यह गाड़ी मेंडोरी के जंगल में लावारिस हालत में मिली थी। सीसीटीवी फुटेज में यह गाड़ी छापे के दौरान शर्मा के घर के पास से गुजरती दिखी थी। गाड़ी के रजिस्टर्ड मालिक चेतन सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने ड्राइवर रखा था, लेकिन अभी तक ड्राइवर की पहचान उजागर नहीं की गई है। छापे के दौरान सौरभ शर्मा के दफ्तर के पास खड़ी एक अन्य गाड़ी भी नजर आई। इसके बाद ईडी की जांच में इस गाड़ी से ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे अहम सुराग मिल सकते हैं।
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