कानपुरः प्रयागराज माघ मेला के महत्वपूर्ण स्नान पर्वों के दौरान गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देश पर कानपुर महानगर में संचालित टेनरियों एवं कई कारखाने पूरी तरह से बंद रहेंगे। छह जनवरी को माघ मेले का पहला स्नान होगा। औद्योगिक नगरी कानपुर शहर से मां गंगा में जाने वाले प्रदूषित जल टेनरियों और कारखानों, सीईटीपी, एसटीपी एवं सीवरेज के नालों को मंगलवार शाम से तीन दिन के लिए पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया गया है।
सिंचाई विभाग के मुताबिक माघ मेले के पहले स्नान के दौरान गंगा जल की निर्मलता बनाए रखने के लिए कानपुर जिला प्रशासन ने इसे लेकर मंगलवार शाम को निरीक्षण किया और गंगा में प्रवाहित हो रहे प्रदूषित पानी को रोकने का कड़ा निर्देश दिया है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कानपुर नगर, उन्नाव, कानपुर देहात और हरदोई से निकलने वाला पानी तीन दिन में प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में पहुंच जाता है। प्रशासन के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों के अधिकारियों की संयुक्त समितियां मंगलवार से तीन दिन तक औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया। प्रदूषित जल प्रवाहित करने वाले कारखानों को बंद कराने काम किया। चेतावनी दी है कि इस दौरान यदि कहीं से कोई शिकायत मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छह जनवरी के बाद 14, 21 व 26 जनवरी और पांच व 18 फरवरी को भी स्नान होगा।
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सात सौ से अधिक छोटे-बड़े कारखाने रहेंगे बंद
गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों कहना है कि कानपुर महानगर में संचालित छोटे-बड़े ऐसे कारखाने जो प्रदूषित पानी प्रवाहित करते हैं, वे सभी प्रयागराज माघ मेला के सभी महत्वपूर्ण स्नान पर्वों पर पूरी से बंद रहेंगे। बन्द होने वाले चार सौ अधिक टेनरियां और तीन सौ अधिक कारखाने मंगलवार से ही बंद करने को कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि इस दौरान गंगा में गंदगी गिरने का मामला सामने आया तो उद्योग को तत्काल बंद कर दिया जाएगा।
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