वाहन चेकिंग के दौरान कानपुर पुलिस को बड़ी सफलता, 7 करोड़ से अधिक रकम बरामद

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कानपुरः उत्तर प्रदेश में हो रहे विधान सभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। आचार संहिता के बाद से कमिश्नरेट पुलिस बराबर सक्रिय है और सड़कों पर वाहनों की तलाशी ले रही है। इससे बराबर कमिश्नरेट पुलिस रुपया पकड़ रही है, लेकिन शनिवार को अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी हुई है। काकादेव और स्वरुप नगर पुलिस ने अलग-अलग जगहों में चेकिंग के दौरान करीब सवा सात करोड़ रुपया पकड़ा है और रुपया ले जा रहे लोगों के पास सही दस्तावेज नहीं मिले हैं।

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विधानसभा चुनाव को लेकर कमिश्नरेट पुलिस अपराधियों के खिलाफ जहां कार्रवाई कर रही है तो वहीं वाहन चेकिंग अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसी के चलते बराबर वाहनों से रुपया मिल रहा है जिसे दस्तावेज न मिलने पर जब्त किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्वरुप नगर पुलिस शनिवार को गोल चौराहा के पास चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक कार को रोका गया, जिसमें चार लोग सवार थे। पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें नकदी मिली। इस पर पुलिस ने कार सवार युवकों से रुपयों को लेकर पूछताछ की तो संतुष्ट जनक उत्तर नहीं मिला।

जिसके बाद पुलिस कार सवारों समेत नकदी लेकर थाने पहुंची और नोटों की गिनती कराई, जिसमें एक करोड़ 54 लाख रुपए बरामद हुए। कार सवारों का कहना है कि कि पूरा कैश एटीएम में पैसा जमा करने वाली कंपनी का है और वह कर्मचारी हैं। कैश लेकर एटीएम में डालने जा रहे थे। एसीपी स्वरूप नगर ब्रिज नारायण सिंह ने बताया कि कार सवार कंपनी और कैश लाने संबंधी कागजात की जानकारी नहीं दे सके है। फिलहाल धन जब्त करके आयकर विभाग को सूचना दी गई है।

काकादेव पुलिस ने पकड़ी पौने छह करोड़ रुपये की रकम

इसी तरह काकादेव पुलिस ने शनिवार को चेकिंग के दौरान एक कार को रोका और उसकी तलाशी में पांच करोड़ 74 लाख रुपये की नकदी मिली। इतनी बड़ी नकदी रकम मिलने पर पुलिस चालक सहित कार को थाने ले आई और आलाधिकारियों को मामले की जानकारी दी। डीसीपी पश्चिम बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया कि शुरुआती जांच में कार सवारों ने मल्टीनेशनल साफ्टवेयर कंपनी का कैश होने की जानकारी दी है। लेकिन सही से दस्तावेज दिखाने में असमर्थ रहे। वह बता रहे हैं कि कंपनी कई प्राइवेट व सरकारी कंपनियों के लिए वसूली का कार्य करती है। यह पूरा कैश विद्युत विभाग का है, जिसे बैंक में जमा करने ले जाया जा रहा था। फिलहाल आयकर विभाग को सूचना दी गई है और आयकर अधिकारी थाने पहुंच गए हैं। कंपनी से कैश संबंध दस्तावेज मांगे गए हैं।

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