योगी सरकार 2.0 में भी मिशन शक्ति को मिलेगी गति, छह मई से होगी चौथे चरण की शुरूआत

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लखनऊः महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार के वृहद मिशन शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरुआत छह मई से होने जा रही है। मिशन शक्ति एक नए कलेवर में नजर आएगा। प्रदेश में महिलाओं और बेटियों के उत्थान एवं उनके सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए शुरू किए गए इस महाभियान से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के परिवेश से जुड़ी महिलाओं एवं बेटियों को संबल मिला है। ऐसे में मिशन शक्ति के बेहतर परिणामों के चलते योगी सरकार-02 में अभियान को गति देने की कवायद शुरू हो गई है। योगी सरकार-02 में भी अभियान को गति देने की तैयारी हो रही है। इसके लिए जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें सभी विभागों को चिह्नित करते हुए महिलाओं और बेटियों पर आधारित योजनाओं को तैयार किया जा रहा है।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में मिशन शक्ति अभियान में सभी जिलों में वृहद जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही स्वर्णिम योजनाओं से बेटियों और महिलाओं को जोड़ा गया था। इस बार भी प्रदेश के अलग-अलग विभाग मिशन शक्ति के तहत विशेष कार्यक्रमों को आयोजित कराएंगे। महिला कल्याण विभाग की ओर से अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा से जुड़े विभिन्न कानूनों एवं प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक करने का कार्य सभी जिलों में किया जाएगा। इसमें महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, तस्करी, बाल विवाह, भेदभाव, बालश्रम अन्य शोषणों के विरुद्ध विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल श्रम और बाल विवाह के विरुद्ध एक विशेष अभियान को शुरू किया है।

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प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के तहत एक मई से बाल श्रम और बाल विवाह के खिलाफ ऑपरेशन मुक्ति की शुरुआत रविवार से हुई। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेशभर में सात दिनों तक यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम दिवस और अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल श्रम एवं बाल विवाह के खिलाफ सात मई तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके तहत पूरे सप्ताह जागरुकता कार्यक्रम, रेस्क्यू ऑपरेशन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होगा। मनोज राय ने बताया कि इस वृहद अभियान में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, विशेष पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, जीआरपी, श्रम विभाग, विधिक सेवा, बाल कल्याण समिति एवं जिला प्रशासन समेत प्रदेश की एनजीओ मिलकर काम कर रहीं हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के पहले सभी संबंधित विभागों को जानकारी दे दी जाएगी। रेस्क्यू ऑपरेशन में निकाले गए बच्चों की जानकारी पूरी तौर पर गोपनीय रखते हुए उनके घर वापसी मेडिकल, खाना पीना, आश्रय एवं अन्य जरूरतमंद सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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