मिशन चंद्रयान-2 : जामनगर में बनी है कलपुर्जे बनाने वाली मशीन

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अहमदाबाद: भारत समेत दुनियाभर के कई देश भारत के मानवरहित चंद्रयान-2 मिशन पर नजर बनाए हुए हैं। चंद्रयान-2 की तैयारियों में गुजरात के जामनगर का नाम भी जुड़ गया है। मानवरहित चंद्रयान-2 मिशन के लिए आवश्यक कलपुर्जे बनाने के लिए जामनगर में एक विशाल मशीन तैयार की गई है। चंद्रयान मिशन से जुड़ी इस मशीन को बनाने वाली जामनगर की गीता इंजीनियरिंग कंपनी इससे पहले ब्रह्मोस, एचएएल, रेलवे इंजन और पनडुब्बियों के लिए कलपुर्जे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी बना चुकी है।

बताया गया कि जामनगर की गीता इंजीनियरिंग वर्क्स को चंद्रयान के कुछ हिस्सों के निर्माण के लिए आवश्यक मशीन बनाने का आदेश मिला है। इसके लिए एक 90 टन वजन की विशाल मशीन तैयार कर आपूर्ति कर दी गई है। गीता इंजीनियरिंग के सरदार सिंह जडेजा के अनुसार यह मशीन चंद्रयान में इस्तेमाल होने वाले 15 टन के पुर्जों में से एक का उत्पादन करेगी। जामनगर में बनी मशीन का करीब 90 फीसदी निर्माण यहीं हुआ, जबकि 10 फीसदी पार्ट का निर्माण जर्मनी में बने हैं। कंपनी ने इस मशीन को कई टुकड़ों में बांट कर नौ ट्रक से हैदराबाद भेजा है। कंपनी के इंजीनियर और अन्य कर्मचारियों ने हैदराबाद पहुंचकर उस मशीन को असेंबल कर टेस्ट कराने के बाद वापस आ गए। अब हैदराबाद में इस मशीन से चंद्रयान के लिए जरूरी पुर्जे बनाए जाएंगे।

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जडेजा ने बताया कि इस मशीन को बनाने में 30 लोगों ने छह महीने तक अथक परिश्रम किया। भारत ही पूरे विश्व के लिए बहुप्रतिक्षित चंद्रयान-2 के कलपुर्जे बनाने वाली मशीन बनाने के लिए जामनगर की कंपनी का जुड़ना शहर के लिए गर्व की बात है। उल्लेखनीय है कि गीता इंजीनियरिंग वर्क्स इससे पहले भी पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों और रेलवे इंजनों के लिए पुर्जे बनाने वाले विभिन्न संगठनों के लिए मशीनें बना चुका है।

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