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पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले- योग भारत के ऋषि-मुनियों की अमूल्य धरोहर

minister-jaiveer-singh लखनऊः प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि योग हमारे ऋषि मुनियों द्वारा प्रदत्त अमूल्य धरोहर है, जिससे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व को परिचित कराया। आज विश्व के अधिकांश देश योग को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ अध्यात्म से जुड़ने का जरिया नहीं है, बल्कि यह शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने की कला है। उन्होंने कहा कि आज भौतिकता से ग्रसित मानवता को विभिन्न असाध्य रोगों से निजात पाने के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयुष विभाग की ओर से नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तहत 15 जून से 21 जून 2023 तक आयोजित योग सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए योग व प्राणायाम जरूरी है। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग में लोग परेशान या बीमार होने पर आते हैं और स्वस्थ होकर घर लौट जाते हैं। इस तरह आयुष विभाग बीमार, परेशान लोगों की सेवा करता है। उन्होंने कहा कि योग आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। आज पूरी दुनिया में योग दिवस एक खास तरीके से मनाया जा रहा है। वन मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य ठीक है तो सब ठीक है। उन्होंने लोगों को नारा दिया। “जो फिट है, वही हिट है“। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को लोकप्रिय बनाने के लिए वन विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस मौके पर आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ’दयालू’ ने कहा कि पहले योग हिमालय की गुफाओं और गुफाओं का विषय माना जाता था। प्राचीन काल से ही हमारे ऋषियों, महर्षियों और संतों द्वारा इन स्थानों पर रहकर योग करने के प्रमाण मिलते हैं, लेकिन इस प्रथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को बधाई। 21 जून को पूरी दुनिया योग के लिए एक साथ खड़ी है। ये भी पढ़ें..कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता पर सरकार को घेरा, लगाया ध्रुवीकरण... मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस प्रधानमंत्री की प्रेरणा से मनाया जाता है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज से पूरे प्रदेश में योग सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों नेयोग को धरती पर उतारा है। 88 हजार ऋषियों ने नैमिषारण में वैदिक और यौगिक संस्कृति को जोड़ा था। उन्होंने कहा कि हमारे देश का योग का ज्ञान विश्व के कोने-कोने में पहुंच रहा है। घर-आंगन योग से योग हो, जिससे हम सब स्वस्थ रहें। योग हमारी आत्मा और शरीर को जोड़ता है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने इस अवसर पर कहा कि स्वस्थ रहने, अच्छा जीवन जीने और समरसता स्थापित करने के लिए योग को अपनाना बहुत जरूरी है। योग के माध्यम से अच्छे विचारों को अपने जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)