श्रीगंगानगर: राजस्थान के सूरतगढ़ के करीब भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया। जानकारी के अनुसार हादसा मंगलवार शाम को हुआ और इसकी वजह तकनीकी खराबी बताई जा रही है। हालांकि हादसे से पहले पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया था और वह सुरक्षित है। भारतीय वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी। तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।
पायलट ने दिखाई सूझबूझ
इस दौरान पायलट ने आग लगने के बाद भी विमान को एक ऊंचाई तक पहुंचाया और फिर इजेक्ट होने से पहले विमान का रुख जमीन की ओर कर दिया। इससे विमान बेस के परिसर में ही गिरा और आस पास के आबादी वाले इलाके तक नहीं पहुंचा। इससे किसी भी तरह की जान हानि होने से बच गई।
कुछ ही बचे हैं विमान
गौरतलब है कि देश की वायुसेना के पास अब सिर्फ 57 ही मिग 21 बचे हैं। ये विमान करीब 50 साल से भारतीय वायुसेना में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। इतना पुराना होने के बावजूद भी इसको उड़ाने वाले पायलट इसे बेहतरीन विमान मानते हैं।