नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मुलाकात की। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-पीजी 2021 में देरी के खिलाफ दिल्ली के पांच अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर पिछले 10 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंडाविया ने दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के प्रतिनिधियों के साथ आरएमएल में बैठक की। बैठक में डॉक्टरों को आश्वासन दिया गया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की जल्द सुनवाई के लिए दबाव बनाएगी। शीर्ष अदालत ने इस साल की शुरूआत में इस मामले में कई सुनवाई की थी। सुनवाई की अगली तारीख जनवरी 2022 निर्धारित की गई है।
आरएमएल में आरडीए के उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से हमें लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है। कुमार के अनुसार, मंत्री ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सोमवार शाम को उनके साथ एक और बैठक की जाएगी।
उन्होंने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर सोमवार शाम को बैठक के बाद फैसला लिया जाएगा। हालांकि, मंत्री ने इसे लेकर कोई समयरेखा निर्दिष्ट नहीं की है, जब केंद्र का प्रतिनिधि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से लिखित रूप में जल्द सुनवाई के लिए अपील करेगा।
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वर्तमान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में एक तिहाई डॉक्टरों की कमी है, जिसके कारण डॉक्टरों पर अतिरिक्त काम का बोझ है। डॉक्टर इस मामले की शीर्ष अदालत में जल्द सुनवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि अस्पतालों में रिक्त पदों के संबंध में फैसला किया जा सके। नीट-पीजी 2021 को जनवरी से अप्रैल 2021 तक और फिर सितंबर 2021 में दो बार विलंबित किया जा चुका है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे के छात्रों के लिए आय मानदंड में संशोधन पर विवाद के कारण फिर से इसमें देरी हुई है।
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