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बाढ़ को लेकर ममता ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, सामने रखीं ये मांगे

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कई जिलों में कथित तौर पर झारखंड स्थित दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बांध से पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्थायी समाधान की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर बुधवार को इस पत्र की प्रति मीडिया को जारी की है।

मंगलवार को भेजे गए चार पन्नों के इस पत्र में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बाढ़ ‘मानव निर्मित’ थी और झारखंड के पंचेत और मैथन में डीवीसी से ‘अनियंत्रित और अनियोजित’ पानी छोड़ने के कारण हुई थी। इस संबंध में 4 अगस्त को लिखे गए एक पूर्व पत्र का जिक्र करते हुए बनर्जी ने लिखा है, “मैंने अपने पहले के पत्र में उन कारकों पर प्रकाश डाला था, जो दक्षिण बंगाल में गंभीर “मानव निर्मित” बाढ़ की स्थिति को बार-बार विकराल बनाते हैं। जब तक कि सरकार डीवीसी के संरचनात्मक ढांचे को दुरुस्त नहीं करती तब तक दोनों अल्पावधि और दीर्घकालिक आधार पर, हमारे निचले तटवर्ती राज्य में आपदाएं निरंतर जारी रहेंगी। तृणमूल प्रमुख ने लिखा है कि उन्हें अपने पिछले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है।

पत्र में कहा है कि मैंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं और मैं भारत सरकार से बिना किसी देरी के स्थाई समाधान करने का अनुरोध करती हूं। बनर्जी ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि डीवीसी अधिकारियों ने भारी बारिश संबंधी मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया और बांधों से पानी के निर्वहन को निम्न स्तर पर रखा और जब भारी बारिश हुई, तो 30 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच लगभग बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया। इसकी वजह से दामोदर नदी से सटे क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। उन्होंने मैथन और पंचेत बांधों से छोड़े गए पानी की तारीख-वार सूची भी दी है।

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इस वार्षिक समस्या के समाधान लिए तत्काल अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है ताकि लोगों की पीड़ा कम हो और जीवन और संपत्ति के नुकसान से बचा जा सके। ममता ने लिखा है कि मैं आपसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती हूं ताकि भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय से अनुरोध किया जाए कि वह पश्चिम बंगाल और झारखंड की सरकारों और डीवीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर हमारे राज्य की इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने में मदद करे।

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भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के इस पत्राचार को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बजाय लोगों की समस्याओं के समाधान और राज्य में बाढ़ आने पर बचाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ममता की आदत रही है कि अपनी विफलता दूसरों पर थोपकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करती हैं। यह गलत परंपरा है।

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