लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड मामले में कार्रवाई की गई है। ब्रजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्राचार्य को हटा दिया गया है। साथ ही तीन अन्य को निलंबित कर दिया गया है।
Jhansi Medical College Fire Tragedy: जांच रिपोर्ट के आधार पर एक्शन
जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को चार्जशीट दी गई है। वहीं, कॉलेज के अवर अभियंता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की प्रभारी नर्सिंग सिस्टर संध्या राय और मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलंबित कर चार्जशीट दी गई है।
18वें नवजात ने दम तोड़ा
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र में 15 नवंबर को हुए भीषण अग्निकांड के बाद बचाए गए एक और नवजात की भी मौत हो गई। अब मरने वाले शिशुओं की संख्या 18 हो गई है। प्रशासन का कहना है कि मरने वाला बच्चा पहले से बीमार था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक हृदय रोग से पीड़ित नवजात का इलाज चल रहा था। शाम को उसकी मौत हो गई। बताया गया है कि नवजात का जन्म समय से पहले हुआ था और उसका वजन भी कम था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मेडिकल प्रशासन के मुताबिक हादसे के वक्त बचाए गए बच्चों में से कोई भी अब मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 15 नवंबर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे भीषण आग लग गई थी। घटना में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, एक बच्चे की मौत रविवार को हुई थी। उसके बाद सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। एक दिन की शांति के बाद बुधवार को 3 और नवजात की मौत की खबर आई। इस तरह कुल मृत नवजातों की संख्या 15 हो गई। इसके बाद शनिवार को दो और बच्चों की मौत हो गई। इस तरह मृत नवजातों की संख्या 17 हो गई। देर रात एक और नवजात की मौत के साथ ही यह आंकड़ा अब 18 पर पहुंच गया है।
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हालांकि जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि जिस नवजात की मौत हुई है वह प्रीमेच्योर था और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। साथ ही बताया गया है कि अब कोई नवजात भर्ती नहीं है। सभी को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। गौरतलब है कि घटना के वक्त वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया।
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